Hindi, asked by starboyk7615, 1 year ago

Jaisi sangat waisi rangat par essay Hindi me class7th ke liye kal submit karna hai answer jaldi bhejo quick fast

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Answered by mchatterjee
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यह बात बिल्कुल सही है कि हम जैसे संगति में रहते हैं वैसी ही हमारा आचरण हो जाता है। यदि हम अच्छे लोगों के संगति में रहते हैं तो हमारी कोशिश रहती है कि हम अपनी बुराई को त्याग दें।

अच्छे चीज का परिणाम अच्छा होता है। बुरे लोगों की संगति हमें पतन‌ के मार्ग पर ले जाती है।

इसलिए हमें अच्छी संगति में रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि बुरी संगति से बचें।

Answered by gurleensandhu16705
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एक बार एक भंवरे की मित्रता एक गोबरी कीड़े के साथ हो गई, कीड़े ने भंवरे से कहा कि भाई तुम मेरे सबसे अच्छे मित्र हो। इस लिये मेरे यहाँ भोजन पर आओ, अब अगले दिन भंवरा सुबह सुबह तैयार हो गया और अपने बच्चो के साथ गोबरी कीड़े के यहाँ भोजन के लिये पहुँचा।

कीड़ा भी उन को देखकर बहुत खुश हुआ और सब का आदर करके भोजन परोसा। भोजन में गोबर की गोलियां परोसी गई और कीड़े ने कहा कि खाओ भाई रुक क्यों गए। भंवरा सोच में पड़ गया, कि मैने बुरे का संग किया। इस लिये मुझे तो, गोबर खाना ही पड़ेगा। भंवरा ने सोचा की ये मुझे इस का संग करने से मिला और फल भी पाया।

अब इस को भी मेरे संग का फल मिलना चाहिये..

भंवरा बोला भाई! आज तो में आप के यहाँ भोजन के लिये आया। अब तुम कल मेरे यहाँ आओगे। अगले दिन कीड़ा तैयार होकर भंवरे के यहाँ पहुँचा। भवरे ने कीड़े को उठा कर, गुलाब के फूल में बिठा दिया और रस पिलाया। कीड़े ने खूब फूलो का रस पिया और मजे किये अपने मित्र का धन्यवाद किया और कहाँ मित्र तुम तो बहुत अच्छी जगह रहते हो और अच्छा खाते हो।

इस के बाद कीड़े ने सोचा क्यों न अब में यहीं रहूँ और ये सोच कर यही फूल में बैठा रहा, इतने में ही पास के मंदिर का पुजारी आया और फूल तोड़ कर ले गया। और चढ़ा दिया इस को प्रभु चरणों में... कीड़े को भगवान के दर्शन भी हुवे और उनके चरणों में बैठा।

इस के बाद सन्ध्या में पुजारी ने सारे फूल इक्कठा किये और गंगा जी में छोड़ दिए। कीड़ा गंगा की लहरों पर लहर रहा था। और अपनी किस्मत पर हैरान था, कि कितना पूण्य हो गया।

इतने में ही भंवरा उड़ता हुवा कीड़े के पास आया और बोला मित्र अब बताओ क्या हाल है?

कीड़ा बोला भाई अब जन्म जन्म के पापो से मुक्ति हो चुकी है। जहाँ गंगा जी में मरने के बाद अस्थियो को छोड़ा जाता है, वहाँ में जिन्दा ही आ गया हूं। ये सब मुझे तेरी मित्रता और अच्छी संगत का ही फल मिला है और ख़ुशी से निहाल हूं। तेरा धन्यवाद!! जिस को में अपनी जन्नत समझता था वो गन्दगी थी और जो तेरी वजह से मिला

ये ही स्वर्ग है।

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