जकात से क्या अभिप्राय है
Answers
O जकात से क्या अभिप्राय है?
► जकात से अभिप्राय है, पाक या शुद्ध करना, यानी पवित्र करना।
यानि कि जरूमंद या गरीबों को दान देकर अपनी कमाई शुद्ध और पवित्र करना।
जकात इस्लाम में दिए जाने वाले दान को कहा जाता है और इस्लाम धर्म के प्रत्येक समर्थ अनुयायी के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि वह एक पूरे साल की कमाई का ढाई प्रतिशत जकात के रूप में गरीबों को दे।
यानि अगर किसी व्यक्ति की कमाई 100 रूपये है, वो ढाई रुपये जकात के रूप में देना अनिवार्य है।
इस्लाम के अनुसार उन लोगों को जकात देना जायज होता है, इनके पास खाने के लिए कुछ भी ना हो, पहनने के लिए कपड़े ना हों और वह असहाय हों, या कोई कर्जदार व्यक्ति इसके ऊपर बेहद कर्जा चढ़ा हो, या वे मुसाफिर जिस की यात्रा के दौरान हालत खराब हो गई हो या वह गुलाम जो अपने मालिक को धन देकर आजाद होना चाहता हो, या वह व्यक्ति जिसको बादशाह जकात वसूल करने के लिए मुकर्रर किया।
इस्लाम में समर्थ लोगों को जकात देना नाजायज माना गया है।
☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼☼