जल गया जल भी अगन में हाय! अलंकार बताईए
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ANSWER-इसीलिए कहा गया है-'अलंकरोति इति अलंकार।' ... ('र' वर्ण की आवृत्ति); चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही हैं जल-थल में। ... हाय! फूल-सी कोमल बच्ची हुई राख की ढेरी थी। उपमेय – बच्ची उपमान – फूल साधारण धर्म – कोमल ... बंद नहीं, अब भी चलते हैं नियति नटी के क्रियाकलाप।
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Answer:
jal gya jal bhi agan me hay ye anupras alankar hai.
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