Hindi, asked by varshapangti0, 6 hours ago

"जल ही जीवन है" इस विषय पर अपने माता- पिता के साथ सचित्र संवाद लेखन प्रस्ततु किजिए।​

Answers

Answered by yogeshkumarjewar2
2

Explanation:

राहुल : मयंक, तुम किस सोच में डूबे हुए हो ?

मयंक : राहुल, जब से मास्टर जी ने बताया कि धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है और उसमे से भी तीन प्रतिशत ही पीने योग्य है बाकी जल खारा है तब से मैं इसी विषय में ही सोच रहा हूँ ।

राहुल : हाँ मयंक, देखा जाय तो विषय गंभीर ही है ।जल से ही तो सारा जीवन है । यदि जल ही ना होता तो धरती पर जीवन भी संभव नहीं था । जल के कारण ही तो धरती पर जीवन की परिस्तिथि बनी।

मयंक : सही कह रहे तो राहुल । जल के कारण ही तो इंसानों और जानवरों को पेड़ पौधों से भोजन मिलता है ।

Answered by siddhijagtaps87
1

Answer:

जल ही जीवन है" इस विषय पर अपने माता- पिता के साथ सचित्र संवाद लेखन प्रस्ततु किजिए।

Explanation:

राहुल : मयंक, तुम किस सोच में डूबे हुए हो ?

मयंक : राहुल, जब से मास्टर जी ने बताया कि धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है और उसमे से भी तीन प्रतिशत ही पीने योग्य है बाकी जल खारा है तब से मैं इसी विषय में ही सोच रहा हूँ ।

राहुल : हाँ मयंक, देखा जाय तो विषय गंभीर ही है ।जल से ही तो सारा जीवन है । यदि जल ही ना होता तो धरती पर जीवन भी संभव नहीं था । जल के कारण ही तो धरती पर जीवन की परिस्तिथि बनी।

मयंक : सही कह रहे तो राहुल । जल के कारण ही तो इंसानों और जानवरों को पेड़ पौधों से भोजन मिलता है ।

Advertisement

राहुल : अरे, जिन पेड़-पौधों से हमें भोजन और जीवन निर्वाह के लिए अन्य वस्तुएं प्राप्त होती हैं, उन पौधों के लिए भी तो जल आवश्यक है ।जल के बिना ना तो पेड़-पौधे ही नहीं होंगे धरती पर और ना ही पेड़-पौधों पर निर्भर करने वाले और जल में रहने वाले जीव-जंतु।

मयंक : जल के बिना तो इस संसार में कोई काम भी संभव नहीं है।

राहुल : तभी तो कहते हैं न कि जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना तक नहीं की जा सकती । इसीलिए इसे सोच समझ कर उपयोग में लाना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी भी इसके महत्त्व को समझे और उन्हें सुविधा से अपना जीवन जी सके ।

Similar questions