Jal hai toh kal hai essay in hindi
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Explanation:
बूंद बूंद अनमोल धरा पर है पानी की ।
पछताएंगे वही जिन्होंने मनमानी की।
पानी जीवन साथी है सबके पल का ।
आखिर कब महत्व समझेगें हम इस जल का ।।
जल का संरक्षण है सबके लिए जरूरी ।
बिन पानी हो जायेगी, जीवन से दूरी।
जल से ही है हरा भरापन इस भूतल का ।
आखिर कब महत्व समझेगें हम इस जल का।।
हमारे देश में मानसूनी वर्षा जल आपूर्ति का एक महत्वपूण स्त्रोत है। वर्तमान में वर्षा जल का समुचित संग्रह एवं संचयन न होने के कारण, इसका एक बड़ा हिस्सा बहकर निकल जाता है। अगर सभी कृषक गंभीरता पूर्वक वर्षा जल का संचयन करे तो न केवल सूखे से निपटने में मदद मिलेगी अपितु पर्यावरण को भी संतुलित बनाया जा सकता है।
वर्षा जल का संचयन विशेष रूप् से बनाए गये तालाबों जलाशयों एवं छोटे- छोटे बांधों में किया जा सकता है। नव निर्मित मकानों की छतों में भी वर्ष जल के संचयन की व्यवस्था की जानी चाहिए । घरों एवं खेतों में पानी का उपयोग सब्जी उत्पादन में करना चाहिए । फसलों की सिचाई का पानी खुली नालियों के स्थान पर फब्बारे सिप्रिन्क्लर पद्धतियों द्वारा दिया जाना चाहिए, तथा खेतों में अनावश्यक पानी का नुकसान रोकने के लिए खरपतवारों का नियंत्रण अवश्य करना चाहिए । जल संरक्षण के प्रति सजग होकर हमें अपने रहन सहन का तरीका बदलना होगा। तथा घरों, कारखानों में पानी का बुद्धिमत्ता पूर्ण उपयोग करना होगा। पानी अति महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। जलविदों का मानना है कि आने वाले समय में जो विश्वयुद्ध होगा वह पानी के लिए ही होगा। पानी द्रष्टि दस्तावेज के अनुसार देश में सन 2025 में विभिन्न आवश्यकताओं के लिए 1027 अरब घन मी. पानी की आवश्यकता होगी।
राषट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर ही जल संसाधनों का व्यवस्थित नियोजन और विकास किया जाना नितान्त आवश्यक है। वर्तमान में जल संकट का समाधान, आम जनता, किसानों तथा शासन के सामूहिक प्रयासों से किया जा सकता है। इसके लिए पानी की एक एक बूंद को सहेजना होगा। संयुक्त राष्ट पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार सन 2025 से पहले ही भारत में जल दबाव उत्पन्न हो जाएगा। यही नही केन्द्रीय भू-जल बोर्ड का अनुमान तो यहां तक है कि यदि भूमिगत जल भंडार पूरी तरह खाली हो जायेगें आज जरूरत है बडे पैमाने पर उन हजारों हाथों की, जो वर्षा जल का संचयन पुनर्भरण, संबर्धन, संरक्षण कर भूमिगत जल भण्डारों की भरपार्इ कर इन पंकितयों को मूर्तरूप दे सकें।
वर्षा जल को रोककर, भर लीजै भण्डार।
कूप और नल कूप फिर, कभी न हो बेकार
संकलन/टायपिंग- नीलम श्रीवास्तव,महोबा
Answer:
मनुष्य को पीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। कृषि के लिए पानी की आवश्यकता होती है। किसी नें सही कहा है, जल है तो कल है। हमें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए, और अपने घरों और आस-पास को साफ रखने के लिए पानी की आवश्यकता है। कई औद्योगिक प्रक्रियाओं को भी पानी की आवश्यकता होती है।
पीने के लिए सभी स्थलीय जीवन रूपों द्वारा पानी की आवश्यकता होती है। पशु भी गर्मियों में एक नदी के ठंडे पानी में डुबकी लगाते हैं। समुद्री और जलीय जीवों के लिए जल निकाय उनके आवास हैं। पानी के कारण सभी वनस्पतियाँ भी बच जाती हैं। यदि पानी न हो तो सभी जीवन रूप और वनस्पति नष्ट हो जाएंगे। पानी एक बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है जिसका उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।
हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में लेते हैं। जब से हम सुबह उठते हैं और जब तक हम रात में सोते हैं तब तक हमें पानी की आवश्यकता होती है और कई तरीकों से पानी का उपयोग करते हैं।
वास्तव में पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। लेकिन हर कदम पर हम इसे बहुत बर्बाद कर रहे हैं। हमें स्कूलों में पढ़ाया जाता है कि हमारे ग्रह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह सब हमारे उपयोग के लिए फिट नहीं है इसलिए हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।
हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है और फिर से हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। उपयोग न होने पर नल को बंद करने जैसे सरल कार्य, कपड़े धोने में पानी का पुन: उपयोग करने की कोशिश करना, शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।
अगर हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और यह केवल हम ही हैं जो इसे सबसे अधिक बर्बाद कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है।