jal hi jeevan hai essay in 150 words
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जल ही जीवन है जल के बिना जिन्दगी की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। हमें सभी को ज्ञात है के जल हमारे जीवन के लिए कितना जरूरी है यह जानने के बावजूद भी हम पानी (Water) की बचत करना भूल जाते हैं और जरूरत से ज्यादा पानी की बर्बादी करते रहते हैं न जाने मूंह धोते समय नल को जिओं ही खुला छोड़ देते हैं और कार को धोते समय कितना मूल्यवान पानी बर्बाद कर देते हैं। किताबी ज्ञान को हम में से बहुत कम ही अपनी जिंदगी में अपनाते हैं और आज इसका नतीजा है के विश्व के सामने पानी की किल्लत उत्पन्न हो रही है।
हमारी पृथ्वी में 71% पानी है परन्तु फिर भी पीने योग्य पानी एक सीमित मात्रा में है। जिस पानी का मानव ने अब तक खुले आम इस्तेमाल किया है। तालाबों , नदियों और झरनों को हम पहले ही गंधले पदार्थों से बर्बाद कर चुके हैं जो कुछ बचा है उसे बिना परवाह किए बर्बाद किए जा रहे हैं। बात सीधी सी है के पानी की कीमत को हम आज भी समझ नहीं पा रहे हैं। कहते हैं ना पानी की असली कीमत तो वही आदमी बता सकता है जो रेगिस्तान की तपती धूप से निकल कर आया हो। संसार के 10 व्यक्तियों में से 2 को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पाता।
देश के कुछ इलाके तो इसे हैं जो आज भी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं कई कई किलोमीटर तक प्रदेश की महिलाएं पीने के लिए पानी लेकर आती हैं। इनकी आधी जिन्दगी तो पानी लेकर आने में ही बीत जाती है।
पानी की किल्लत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए 22 मार्च को विश्व पानी दिवस मनाया जाता है ता जो पानी की बर्बादी को कम किया जा सके। हमें पृकृति के संसाधनों को दूषित होने से बचाना है और पानी को व्यर्थ ना गवाएं यह प्रण लेना आज के दिन बड़ा ही जरूरी है।
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हमारी पृथ्वी में 71% पानी है परन्तु फिर भी पीने योग्य पानी एक सीमित मात्रा में है। जिस पानी का मानव ने अब तक खुले आम इस्तेमाल किया है। तालाबों , नदियों और झरनों को हम पहले ही गंधले पदार्थों से बर्बाद कर चुके हैं जो कुछ बचा है उसे बिना परवाह किए बर्बाद किए जा रहे हैं। बात सीधी सी है के पानी की कीमत को हम आज भी समझ नहीं पा रहे हैं। कहते हैं ना पानी की असली कीमत तो वही आदमी बता सकता है जो रेगिस्तान की तपती धूप से निकल कर आया हो। संसार के 10 व्यक्तियों में से 2 को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पाता।
देश के कुछ इलाके तो इसे हैं जो आज भी पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं कई कई किलोमीटर तक प्रदेश की महिलाएं पीने के लिए पानी लेकर आती हैं। इनकी आधी जिन्दगी तो पानी लेकर आने में ही बीत जाती है।
पानी की किल्लत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए 22 मार्च को विश्व पानी दिवस मनाया जाता है ता जो पानी की बर्बादी को कम किया जा सके। हमें पृकृति के संसाधनों को दूषित होने से बचाना है और पानी को व्यर्थ ना गवाएं यह प्रण लेना आज के दिन बड़ा ही जरूरी है।
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