Jal hi jeevan hai Hindi mein nibandh
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जल ही जीवन है।
जल ही जीवन है इस एक वाक्य से ही हमारे जीवन में जल का क्या महत्व है यह पता चलता है। सिर्फ मनुष्य ही नहीं अपितु पृथ्वी पर रहने वाले सभी सजीव पाणी पर ही निर्भर होते हैं।
पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों को जिंदा रहने के लिए अपने शरीर में पाणी की मात्रा को बनाए रखना बहुत जरूरी है। अगर शरीर में पाणी की मात्रा 10 प्रतिशत से कम हो जाएं तो कोई भी जीव जिंदा नहीं रह पाता है। मनुष्य तो खाने के बिना कुछ हफ्तों तक जिंदा हर सकता है लेकिन पाणी के बिना एक सप्ताह से ज्यादा दिन जिंदा रहना उसके लिए नामुमकिन है।
मनुष्य को सिर्फ पीने के लिए ही नहीं बल्कि स्नान के लिए. कपड़े, बर्तन धोने के लिए और अन्य कई दैनिक कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा औद्योगीकरण में भी जल की आवश्यकता होती है। बिजली निर्माण का तो जल एक माध्यम है। खेती के लिए सबसे जरूरी है जल।
लेकिन दिनों दिन बढ़ती आबादी के कारण पानी का प्रयोग अधिक होने लगा है। और बढ़ती लोकसंख्या, औद्योगीकरण, पेंड़ों की कटाई, जल प्रदूषण, वर्षा की कमी, सूखते पाणी के स्तोत्र और उपलब्ध पाणी का लापरवाही से होने वाला प्रयोग, इनसे जल की कमी हो रही है। हमें पानी की बचत करनी चाहिए। उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए और पानी का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। पानी के नल को व्यर्थ में ही चलते नहीं देना चाहिए। गर्मी के मौसम में पानी की अधिक आवश्यकता होती है ।
हर एक व्यक्ति जब जल का महत्व समझ कर इसका सावधानी से इस्तेमाल करेगा, तब हम इस समस्या से निजात पा सकेंगे।
जल ही जीवन है इस एक वाक्य से ही हमारे जीवन में जल का क्या महत्व है यह पता चलता है। सिर्फ मनुष्य ही नहीं अपितु पृथ्वी पर रहने वाले सभी सजीव पाणी पर ही निर्भर होते हैं।
पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों को जिंदा रहने के लिए अपने शरीर में पाणी की मात्रा को बनाए रखना बहुत जरूरी है। अगर शरीर में पाणी की मात्रा 10 प्रतिशत से कम हो जाएं तो कोई भी जीव जिंदा नहीं रह पाता है। मनुष्य तो खाने के बिना कुछ हफ्तों तक जिंदा हर सकता है लेकिन पाणी के बिना एक सप्ताह से ज्यादा दिन जिंदा रहना उसके लिए नामुमकिन है।
मनुष्य को सिर्फ पीने के लिए ही नहीं बल्कि स्नान के लिए. कपड़े, बर्तन धोने के लिए और अन्य कई दैनिक कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा औद्योगीकरण में भी जल की आवश्यकता होती है। बिजली निर्माण का तो जल एक माध्यम है। खेती के लिए सबसे जरूरी है जल।
लेकिन दिनों दिन बढ़ती आबादी के कारण पानी का प्रयोग अधिक होने लगा है। और बढ़ती लोकसंख्या, औद्योगीकरण, पेंड़ों की कटाई, जल प्रदूषण, वर्षा की कमी, सूखते पाणी के स्तोत्र और उपलब्ध पाणी का लापरवाही से होने वाला प्रयोग, इनसे जल की कमी हो रही है। हमें पानी की बचत करनी चाहिए। उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए और पानी का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। पानी के नल को व्यर्थ में ही चलते नहीं देना चाहिए। गर्मी के मौसम में पानी की अधिक आवश्यकता होती है ।
हर एक व्यक्ति जब जल का महत्व समझ कर इसका सावधानी से इस्तेमाल करेगा, तब हम इस समस्या से निजात पा सकेंगे।
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akansha44688:
thanks for helping me
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जल ही जीवन है इस बात में कोई अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि धरती पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल अमृत के समान है. जल के बिना धरती के किसी भी प्राणी का जीवन संभव नहीं है. हमारी धरती पर वैसे तो 70% जल ही है
लेकिन मनुष्य के लिए पीने लायक जल केवल 2% ही है जो कि हमें भूमिगत, नदियों, तालाबों और वर्षा के पानी से उपलब्ध होता है. लेकिन दिनों दिन वर्षा की कमी के कारण भूमिगत जल में कमी आ गई है जिसके कारण पूरे विश्व में पानी की किल्लत हो गई है
और अगर इसी तरह जल का दुरुपयोग होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जल की कमी से पूरी पृथ्वी तबाह हो जाएगी. पृथ्वी पर से जीवन का नामो निशान मिट जाएगा.
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