Hindi, asked by seefat1, 1 year ago

Jal hi jeevan hai ka essay

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Answered by Vivek5001
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क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ये पाँच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मालिक कहे गए हैं तथा हमारी शारीरिक रचना में इनकी समान रूप सै भूमिका होती है । इनमें वायु और जल ये दो ऐसे तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती ।

जीवों को जिस वस्तु की जरूरत जिस अनुपात में है, प्रकृति में वे तत्व उसी अनुपात में मौजूद हैं । पर आज जल और वायु दोनों पर संकट के काले बादल आच्छादित हैं तो समझना चाहिए कहीं न कहीं हमने मूलभूत भूलें की हैं ।

जल एक तरल पदार्थ है जो अपने ठोस और गैस रूप में भी मौजूद है । अवस्था परिवर्तन करने का जल का यह स्वभाव उसके उपयोग के आयामों को विस्तृत कर देता है । जल यदि बरफ बनकर न रह पाता तो गंगा जैसी सदानीरा नदियाँ न होतीं और जल यदि गैस बनकर वाष्पित न हो पाता तो धरती पर वर्षा होने की संभावना न बचती ।

ओस के कणों की तुलना कवि व शायर न जाने किन-किन रूपों में करते हैं, उनके काव्य जगत् का यह हिस्सा रीता ही रह जाता । लेकिन मानव का यह गुणधर्म है कि जिस वस्तु को वह व्यवहार में लाता है, उसे दूषित कर ही देता है ।

यही कारण है कि आज नदी जल भूमिगत जल कुएँ-बावड़ी का जल, समुद्र का जल और यहाँ तक कि वर्षा का जल भी कम या अधिक अनुपात में दूषित हो चुका है । जल प्रदूषण पर गोष्ठियाँ तथा सेमीनार हुए जा रहे हैं परंतु इस विश्वव्यापी समस्या का कोई ठोस हल अभी तक सामने नहीं आ पाया है ।

हाल में यह प्रयास भी हो रहा है कि इस नैसर्गिक सपदा का पेटेट करा लिया जाए । अर्थात् किसी खास नदी या बाँध के जल पर किसी खास बहुराष्ट्रीय कंपनी का अधिकार हो और वे इस जल को बोतलों में बंद कर बाजार में मिनरल वाटर के नाम से बेच सकें । सुनने में आया है कि सरकार भी इस पर राजी थी मगर पर्यावरणविदों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया तो उसने चुप्पी साध ली ।

पर जिस तरह से प्रत्येक वस्तु पर बाजारवाद हावी हो रहा है उसे देखकर कहा नहीं जा सकता कि कब तक नदियाँ तथा अन्य जलाशय उक्त कंपनियों के चंगुल से बचे रह सकेंगे । सरकारें भी अपने बढ़ते खर्च की भरपाई के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं ।

Answered by nikita128
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Answer:

here ijj ur answer

जल (Essay on Water is Life in Hindi) पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीवो को जीवित रखने वाले प्रमुख तत्वों में से एक है। क्योंकि धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतु, पशु-पक्षियों कीट- पतंगे, पेड़-पौधे सहित मानव जीवन के लिए जल अमृत के समान होता है। जल के बिना सजीव जगत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

परंतु आज के लोग इसकी महत्ता को समझते हुए भी इसे दूषित करते जा रहे हैं। जिस कारण आज हमारे देश के लगभग आधे से अधिक क्षेत्रो में लोगो को जल संकट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानवो की अवेहलना से पनपी इस समस्या का सामना न सिर्फ मानव जाति को बल्कि आज अन्य दूसरी सजीव प्राणियों को भी करना पड़ रहा है।

आज लगभग सभी नदियां, तालाब, पोखर, दूषित हो गई है। जिस कारण पीने योग्य पानी कम हो गई है। परंतु फिर भी लोग इसे दूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं और ऐसी स्थिति बनी रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि, जल संकट संपूर्ण पृथ्वी को तबाह कर के रख देगी। अतः आवश्यकता है कि, समय रहते हम सभी लोगों को जल को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।

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