जल जीवन हरियाली पर निबंध
Answers
जल ही जीवन है |
Explanation:
"जल ही जीवन हैं" यह जो उक्ति हैं यह वाकई में पूर्ण रूप से बहुत ही मार्मिक उक्ति हैं | इंसानी शरीर 70% पानी से ही बनी हुई हैं | पानी के बिना हमारे शरीर के अंदर किसी भी प्रकार का जैव-रासायनिक प्रक्रिया संभव ही नहीं हो सकता हैं | जल के बिना न किसी प्रकार का खेती होगा और न ही किसी प्रकार का उद्योग |
तो, कुल मिलाकर देखा जाए तो यह पता चलेगा की जल के बिना जीवन असंभव हैं | आज एक बढ़ती जल संकट की अवस्था पता नहीं आगे इंसानों के ऊपर क्या कहर बरपाता हैं | वैसे भारत के अंदर इस साल 21 नगरों में भू-जल संपूर्ण रूप से खत्म हो जाएगा | इसके अलावा विश्व के 400 करोड़ से ज्यादा लोगों को निर्मल पानी पीने को भी नहीं मिल रहा हैं |
इसीलिए हमें जल को संचित कर के रखना चाहिए |
जल जीवन और हरियाली
प्रस्तावना: सभी जीवों के लिए पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए वायु के बाद पानी दूसरा सबसे जरूरी पदार्थ है। पीने के रूप में उपयोग किए जाने वाले पानी के अलावा, इसके विभिन्न उपयोग भी हैं जैसे कि धुलाई, खाना बनाना, सफाई करना आदि। पानी न केवल जीवित प्राणी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पौधे या पेड़ों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह कीमती तत्व कृषि क्षेत्र के लिए और विभिन्न उद्योगों के लिए भी आवश्यक है। इसी प्रकार पानी की प्राप्ती के लिए हरियाली होना भी आवश्यक है। बिना पेड़-पौधे और हरियाली के पर्याप्त बारिश नहीं होती है और इससे धतरी पर पानी की कमी आ जाएगी। ऐसे में बिना पानी और हरियाली के धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
जल का महत्व: जीवन की शुरुआत से ही पानी इतना महत्वपूर्ण है कि सभी प्रमुख सभ्यता दुनिया में नदी के पास होती है। भारत में प्रमुख शहरों को विकसित करने में नदियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि नदी के माध्यम से परिवहन बहुत आसान है। आजकल वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि उन्हें हवा में कुछ जमे हुए पानी के कण और नमी मिली थी।
वैज्ञानिक अभी भी जीवन की खोज कर रहे हैं, लेकिन मुख्य बिंदु यह है कि पानी की उपलब्धता के कारण हम जीवन की कल्पना कर सकते हैं अन्यथा जीवन की कोई संभावना नहीं है, इसलिए हम यह भी कह सकते हैं की जल ही जीवन है।
पृथ्वी के पारिस्थितिक संतुलन के लिए पानी महत्वपूर्ण है यानी समुद्र से पानी वाष्पित होता है और वायु को जल वाष्प के रूप में जोड़ता है और बादल में बदल जाता है। जब बादल समुद्र से सादे क्षेत्र में स्थानांतरित हो जाता है, और ठंडा हो जाता है, तो यह बारिश में परिवर्तित हो जाता है और नदी और भूजल को फिर से भर देता है।
हरियाली का महत्व: हरियाली यानी वन पृथ्वी पर जीवन के लिए अनिवार्य तत्व हैं यह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में पूर्णतया सहायक होते हैं। प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों, ऋषियों-मुनियों व संतों के लिए वन तपस्या का प्रमुख स्थान रहा है।वनों में अनेक प्रकार के पेड़-पौधों का भंडार होता है जो विभिन्न प्रकार से मानव के लिए उपयोगी है।
वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो जीवन के लिए आवश्यक तत्व है परंतु पीपल के वृक्ष में ऑक्सीजन प्रदान करने का अनुपात अन्य वृक्षों की तुलना में अधिक होता है। इसके अतिरिक्त नीम, बबूल, तुलसी, आँवला व शमी आदि वृक्षों का औषधि के रूप में विशेष महत्व है। हरियाली धरती पर जीवन का आधार है।
इससे प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। शहरीकरण के कारण आज हरियाली खत्म होती जा रही है। इसके कारण पर्यावरण में भी बदलाव आ रहा है और बारिश की कमी तथा बढ़ते तापमान के कारण हालत बिगड़ती जा रही है। यदि इसी तरह से हरियाली खत्म होती रही तो एक दिन पृथ्वी से पानी और जीवन दोनों खत्म हो जाएंगे।
निष्कर्ष: इस निबंध से यह निष्कर्ष निकलता है कि पानी, हरियाली और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं। इनमें किसी एक के बिना भी जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे में पानी का सदुपयोग करें, ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में अपना सहयोग प्रादन करें।