Jal Jeev aur Jivan Sambhavna Shashi Prabhav spasht Kijiye in Hindi
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ज्ञानपुर। मोक्षदायिनी गंगा समेत अन्य नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण से जलचरों के जीवन पर संकट बढ़ गया है। कार्बनिक और रासायनिक प्रदूषण से इनकी संख्या में लगातार कमी आ रही है। मछलियों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है वहीं कछुओं की संख्या में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
जिले से होकर गंगा, वरुणा और मोरवा नदी गुजरती है। मोरवा और वरुणा तो वैसे साल के छह माह सूखी रहती हैं लेकिन गंगा अविरल धारा से बहती है। प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बढ़ने से गंगा में लगातार पूदषण का मात्रा बढ़ती जा रही है। पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने से उसमें रहने वाले जलीय जीव एवं जलचरों की संख्या लगातार घटती जा रही है। सरकारों की ओर से गंगा को निर्मल बनाने के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन उसका असर खास दिख नहीं रहा है। जलीय जीवों को बचाने के लिए जिले में किसी संस्था संग प्रशासनिक विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। पर्यावरणविद् एवं जलीय जीवों के जानकार डॉ. कमाल अहमद सिद्दीकी ने कहा कि नदी के पानी में बीओडी (बायोलॉजिकल आक्सीजन डिमांड) कम होने से जलीय जीवों को दिक्कत होती है। प्रदूषण से पानी में बैक्टिरिया बढ़ने से वे खुद ही आक्सीजन को अवशोषित करने लगते हैं। कालीन कंपनियो संग अन्य उद्योग धंधो से निकलने वाले जहरीले रसायन से जलीय जीवों के पाचन क्षमता, जनन की क्षमता प्रभावित होगी। इससे भी इनकी संख्या प्रभावित होती है।