जल को 'कुदरत की अनमोल देन' क्यों कहा गया है? अपने विचार एक अनुच्छेद में लिखें।
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जल को 'कुदरत की अनमोल देन' क्यों कहा गया है? अपने विचार एक अनुच्छेद में लिखें।
जल को कुदरत की अनमोल देन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस पूरी सृष्टि पर जल के बिना कोई भी कार्य संभव नहीं है। सृष्टि का जीवन ही जल पर टिका हुआ है।
यह कहावत इस बात को पूरी तरह सही सिद्ध करती है कि ‘जल ही जीवन है’ अतः जहां जल है, वहीं जीवन हैं। पृथ्वी का कोई भी प्राणी जल के बिना जीवित नहीं रह सकता। पृथ्वी जो भी कृषि होती है, वह जल के बिना नहीं हो सकती। अगर कृषि नहीं होगी तो खाद्य पदार्थ उत्पन्न नहीं होंगे, जब खाद पदार्थ उत्पन्न नहीं होंगे तो मनुष्य और अन्य प्राणियों के लिए भोजन कहाँ से मिलेगा? मनुष्य के शरीर अधिकतर भाग में जल ही है और जल की मानव शरीर को निरंतर आवश्यकता होती है, ऐसे में यदि जल नहीं होगा तो मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
प्राकृतिक संसाधनों में प्रकृति की तरफ से जल सबसे अनमोल देन है। यद्यपि पृथ्वी पर अथाह मात्रा में जल है, लेकिन उपयोगी और पीने लायक जल की मात्रा बेहद कम है। हमें इस सीमित जल को सदुपयोग करके बचा के रखना है ताकि हम जल के संकट से ना जूझें। जल के इस महत्व से पता चलता कि पृथ्वी पर जल कुदरत की अनमोल देन है, इस बात में कोई शंका नहीं है।