Science, asked by tanuja4646, 9 months ago

जल की कमी का पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है please help me this question​

Answers

Answered by AGRAWALGRACY77
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Explanation:

सामान्यतः हम मानते हैं कि जल हमारी प्यास बुझाता है, मगर सच यह है कि खाने को भोजन और श्वसन के लिये ऑक्सीजन भी जल से ही मिलते हैं। प्यास बुझाने के लिये हम जल का सीधे प्रयोग कर लेते हैं, जब कि जल से भोजन व ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु हमें पादपों की मदद लेनी होती है। इस तथ्य से सभी परिचित हैं कि पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं। उसी भोजन से चींटी से लेकर हाथी तक का पेट भरता है। पौधों में उपस्थित हरा पदार्थ यानि क्लोरोफिल या पर्णहरित सूर्य से ऊर्जा प्राप्त कर जल के अणु को तोड़ता है। जल के अणु के टूटने से बनी हाइड्रोजन से कार्बन डाइ ऑक्साइड का अपचयन होने से कार्बोहाइड्रेट बनते हैं। इस कार्बोहाइड्रेट के रुपांतरण से ही पौधों में विविध प्रकार के पदार्थ बनते हैं, जिनमें से कई को हम भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। पौधों में जल के अणु के टूटने से ऑक्सीजन भी बनती है। पौधे ऑक्सीजन को वायुमंडल में छोड़ देते हैं। वहीं ऑक्‍सीजन हमें जीवित रखती है। स्पष्ट है कि जल ही वह पदार्थ है जो हमारी भूख प्यास मिटाने के साथ ही हमारे श्वांस को चलने देता है।

पौधे बोलते नहीं, मगर पानी के महत्त्व को बहुत अच्छी तरह उजागर करते हैं। वे जल प्राप्त करने के लिये सभी प्रयास करते हैं, मगर पानी का दुरुपयोग नहीं करते। प्राप्त पानी को संभल-संभल कर खर्च करते हैं। पौधे पानी के महत्त्व को बहुत अच्छी तरह उजागर करते हैं। पानी को बरतने को लेकर पौधों में इतनी प्रवीणता उत्पन्न हो गई है कि हम पौधों से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

Answered by Anonymous
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Explanation:

पौधों में उपस्थित हरा पदार्थ यानि क्लोरोफिल या पर्णहरित सूर्य से ऊर्जा प्राप्त कर जल के अणु को तोड़ता है। जल के अणु के टूटने से बनी हाइड्रोजन से कार्बन डाइ ऑक्साइड का अपचयन होने से कार्बोहाइड्रेट बनते हैं। ... पौधों में जल के अणु के टूटने से ऑक्सीजन भी बनती है। पौधे ऑक्सीजन को वायुमंडल में छोड़ देते हैं।

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