Hindi, asked by snegi5367, 6 months ago

जल
के
मुश्त्म स्रोतों के नाम लिखो: हिन्दी​

Answers

Answered by narayanishutosh
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Explanation:

महानगर या नगरों में कुआं का महत्व उतना नहीं है, जितना कि ग्रामिण क्षेत्रों में है। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है और जल का प्रमुख स्त्रोत है। वास्तुशास्त्र में कुएं को पर्याप्त जल की प्राप्ति कैसे होती रहेगी, इसके बारे में बताया गया है।

कुएं की खुदाई का कार्य आरंभ करने से पूर्व सही समय का चुनाव होने से निर्विघ्न रूप से कार्य संपन्न होता है। पानी शीतल और मीठा निकलता है। साथ ही अधिक गहराई तक खुदाई से बचा जा सकता है। किसी कारणवश उपयुक्त मुहूर्त में कार्य आरंभ करना संभव न हो तो भी चंद्रमा का जलीय राशि में विचरण अत्यावश्यक है। कुएं को खोदने के काम का श्रीगणेश करते समय जो लग्न क्षितिज पर हो, उससे शुक्र की स्थिति दशम में फलदाई मानी गई है।

वास्तु के अनुसार कुआं खेत के उत्तर या पूर्व दिशा में होता है। मूल ईशान में कुएं को खोदने से बचें। ईशान में कुएं के होने से पानी का बहाव हमेशा नैर्ऋत्य की ओर होगा। यदि कुएं की स्थिति पूर्व में हो, तो पानी का बहाव पश्चिम की तरफ रखा जा सकता है। मूल वायव्य में भी कुएं की स्थिति को आचार्यों ने ‘शुभ माना है, लेकिन यह पश्चिम की सीमा से सटा हुआ नहीं हो।

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