Hindi, asked by tamrakarkalash, 3 months ago

जल का शुद
। 'जला अस्थिया बारी-बारी, छिटकाई जिसने चिन्गारी ये कवि का क्या अभिप्राय है​

Answers

Answered by udaynayakleo
1

Answer:

चिटकाई जिनमें चिंगारी,

जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर

लिए बिना गर्दन का मोल

कलम, आज उनकी जय बोल।

जो अगणित लघु दीप हमारे

तूफानों में एक किनारे,

जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन

माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल

कलम, आज उनकी जय बोल।

पीकर जिनकी लाल शिखाएँ

उगल रही सौ लपट दिशाएं,

जिनके सिंहनाद से सहमी

धरती रही अभी तक डोल

कलम, आज उनकी जय बोल।

अंधा चकाचौंध का मारा

क्या जाने इतिहास बेचारा,

साखी हैं उनकी महिमा के

सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल

कलम, आज उनकी जय बोल।

Explanation:

TAKE CARE

Answered by utkarsh2772
7

Answer:

देशप्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत देशभक्तों के बलिदान का वर्णन किया है। कवि कहता है कि जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रांति की भावना जागृत की और नई चेतना फैलाई; कलम आज उनका गुणगान करो, आज उन वीर शहीदों की गौरवगाथा लिखो।

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