जल के ऊपर अनुच्छेद लिखिए।
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जल जीवित रहने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जल के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पृथ्वी भी एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन संभव है क्योंकि यहाँ पर पानी की व्यवस्था है। हम प्रतिदिन विभिन्न क्रियकलापों जैसे नहाने, कपड़े धोने, बर्तन धोने आदि के लिए पानी का उपयोग करते है। पानी मनुष्य के साथ साथ पशु और पौधों के लिए भी जरूरी है। पानी से ही पौधों का विकास होता है।
हमारी पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग जल है लेकिन उसमें से ताजा और पीने लायक पानी केवल 0.98 प्रतिशत है।
यदि हम पानी को इसी प्रकार बर्बाद करते रहे तो एक समय ऐसा आऐगा कि हमें पीने के लिए भी पानी नहीं मिलेगा। वर्तमान में भी बहुत से शहर ऐसे है जहाँ पर पानी का अभाव है। पानी के बिना पेड़ और वनस्पति भी नहीं होंगे इसलिए हमें पानी को बचाने की आवश्यकता है।
हमें पानी को बर्बाद होने से भी बचाना है और साथ ही प्रदुषण मुक्त भी बनाना होगा। हमें पानी का सीमित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए और चलते हुए नलों को बंद करना चाहिए। हमें वर्षा के पानी को भी संचय करना चाहिए और पानी को स्वच्छ करने का कर्तव्य करना चाहिए। नदियों में पूजा पाठ के नाम पर राख आदि को नहीं बहाना चाहिए। उद्योगों को नदियों से दूर लगाना चाहिए।
यदि हम पानी को इसी तरह बरबाद करते रहेंगे तो आने वाले समय में पानी के अभाव में ही तीसरा विश्व युद्ध होगा और बिना पानी के धरती पर भी जीवन समाप्त हो जाऐगा। पानी को बचाना कोई पारिवारिक या सामाजिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा है और पूरे विश्व को मिलकर ही पानी को बचाना होगा। बच्चों को पानी की अहमियत को समझना चाहिए और पानी को बर्बाद करने की बजाय बचाना चाहिए।
जल :-
जल मानव जीवन के लिए ही नहीं महत्वपूर्ण है यह मानव के शरीर का भी अभिन्न अंग है क्योंकि मानव का 70% से अधिक शरीर पानी ही होता है। और पृथ्वी पर रहने वाले अन्य सजीव प्राणियों के लिए भी जल का होना अति आवश्यक है।
हमारे पृथ्वी को हरा भरा रखने और पृथ्वी का तापमान नियंत्रित इस जल के कारण ही हो पाता है अगर पृथ्वी पर जल नहीं होगा तो यह है मंगल ग्रह की तरह सिर्फ सूखा ही होगा जहां पर जीवन का कोई नामोनिशान नहीं होगा।
हमें Jal का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसा करते है तो हम हमारे जीवन के साथ ही खिलवाड़ कर रहे है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपने पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मार रहे है। जल हमारी पृथ्वी पर कई रूपों में विद्यमान है जैसे कि पहाड़ों पर बर्फ के रूप में, नदियों, जलाशयों और भूमिगत जल के रूप में, वाष्प के रूप में।
जल के इतने रूप होने के कारण हमारी पूरी पृथ्वी पर जल उपलब्ध हो पाता है क्योंकि जल अगर ठोस अवस्था में ही होता तो यह सिर्फ पहाड़ों पर ही होता है जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं हो पाता। जल के वाष्प रूप के कारण बड़े महासागरों और समुद्रों से जल वाष्प के रूप में उड़कर बादल बनता है
और पूरी पृथ्वी पर जाकर वर्षा करता है जिससे सभी स्थानों पर जल की पूर्ति हो पाती है वर्षा के जल के कारण ही तालाब, बांध और भूमिगत जल में वृद्धि होती है।
अगर पृथ्वी पर बरसात ही नहीं होगी तो पानी की कमी हो जाएगी सभी तालाब, बांध और भूमिगत जल स्त्रोत सूख जाएंगे। वर्तमान में भी यही स्थिति उत्पन्न हो रही है क्योंकि हमारे देश में साल-दर-साल वर्षा कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण पेड़ों की कटाई है क्योंकि पेड़ों और वनों के कारण ही वर्षा होती है।
और हमारे देश में तो पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जिसके कारण हर साल किसी ना किसी राज्य में सूखा पड़ता है। और साथ ही हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि बहुत ही अधिक तेजी से हो रही है जनसंख्या के मामले में हमारा देश दूसरे नंबर पर आता है लेकिन 2022 तक हमारा देश जनसंख्या के मामले में प्रथम होगा।
जैसा कि हम सब जानते है कि जनसंख्या बढ़ेगी तो जल की भी उतनी ही आवश्यकता होगी लेकिन जल तो दिनों दिन कम होता जा रहा है तो इसकी पूर्ति कैसे होगी ?
भूमिगत जल तो पहले से ही कम हो चुका है हमारे देश के ज्यादातर राज्यों को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है इसका मतलब है कि इन राज्यों में पानी की बहुत ज्यादा किल्लत है और अगर आने वाले कुछ सालों में इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यहां पर भूमिगत जल का स्रोत विलुप्त हो जाएगा।
और जल के अन्य स्त्रोतों की बात करें तो नदियों और तालाबों में जल तो उपलब्ध है लेकिन वह भी दिन-प्रतिदिन कम हो रहा है साथ ही हम नदियों तालाबों के जल को प्रदूषित भी कर रहे हैं जिसके कारण नदियों का जल पीने लायक नहीं है।
नदियों में जल प्रदूषण की बात करें तो हम यमुना नदी का उदाहरण ले सकते हैं क्योंकि जब यमुना नदी उत्तरकाशी से निकलती है तब इसका जल बहुत ही स्वच्छ होता है लेकिन जैसे-जैसे यह शहरों से निकलती है दिल्ली में शहर में इस नदी में इतना दूषित पानी छोड़ा जाता है।
जिसके कारण यह है जब तक आगरा पहुंचती है तब तक इसका रूप काला हो चुका होता है इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि नदियों को हम कितना प्रदूषित कर रहे है।
नदियों के प्रदूषित होने के कारण इन नदियों का जल जो भी पशु-पक्षी पीते है वह भी बीमार पड़ जाते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। और इसी जल को हमारे देश में सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जाता है
जिसके कारण फसलों में अनेक बीमारियां लग जाती है जो कि बाद में उन फसलों के माध्यम से हमारे शरीर में आ जाती है। इसी कारण दिनों-दिन नई बीमारियां हमारे देश में फैल रही है। अगर जल्द ही इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया तो जल की कमी से मानव सभ्यता समाप्त हो जाएगी या फिर प्रदूषित जल की वजह से कई महामारियां फैल जाएंगी।
जल हमारी पृथ्वी की अमूल्य धरोहर है अगर हम इसका ख्याल नहीं रखेंगे तो पूरी पृथ्वी नष्ट हो जाएगी। हमें जल को बचाने के लिए भरपूर प्रयास करने चाहिए इसके लिए हमें केवल सरकार को ही दोष नहीं देना चाहिए।
हमें खुद भी जागरुक होकर जल को बचाना होगा। क्योंकि जल का दोहन केवल सरकार नहीं करती हम सब लोग करते है हम ही जल का अत्यधिक दोहन करते है और हम इन्हीं से प्रदूषित करते है।
इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम इस अमूल्य जल को बचाएं और ऐसे कदम उठाएं जिनसे भूमिगत जल की मात्रा में बढ़ोतरी हो सके।
जल को बचाने के लिए हम निम्नलिखित कार्य कर सकते है –
1। हमें अनावश्यक कार्यों में जल का उपयोग बंद करना होगा।
2। वर्षा के जल को टांके बनाकर संग्रहित करना होगा।
3। अधिक मात्रा में पेड़ पौधे लगाने होंगे पेड़ों की कटाई पर रोक लगानी होगी।
4। जिन भी उद्योग-धंधों से दूषित जल नदियों में मिलाया जाता है उन को सख्त हिदायत देनी होगी कि वे नदियों में दूषित जल में मिलाएं।
5। हमें खुद की दिनचर्या में सुधार करना होगा क्योंकि हम नदियों या तालाबों के पास जाते है उनमें कचरा या पत्थर फेंकने लगते है जिनसे उनका जल प्रदूषित हो जाता है।
6। हमें गैर कार्यों जैसे वाहनों को धोना, मिट्टी पर पानी का छिड़काव करना आदि में पानी का उपयोग करना बंद करना होगा।
7। हमें एक ऐसी योजना बनानी होगी जिससे सभी नदियों को जोड़ा जा सके जिससे देश के किसी भी हिस्से में जल की कमी ना हो।
8। हमें जागरुक होना होगा क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर पानी की टंकियों से जल का रिसाव होता रहता है जिसको हमें बंद करना होगा क्योंकि पानी की बूंद बूंद से ही घड़ा भरता है और पानी की बूंद बूंद बचा कर ही हम जल का संरक्षण कर सकते है।
9। हमें प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा क्योंकि इसी के कारण सबसे ज्यादा जल प्रदूषित होता है।
10। जन-जन में हमें जागरूकता फैलानी होगी कि जल हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है और इसका संरक्षण कैसे किया जा सकता है।