जल प्रदूषण को रोकने के लिए एक या दो सुझाव दीजिए
Answers
जल प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय
क)जल प्रदूषण को अगर रोकना है तो हम मार को उसके आसपास जितने भी उद्योग हैं उसके दो हिसाब से जो पानी निकलता है या फिर कोई भी तरह का रसायनिक उत्पाद होता है तो हमारा उसको पानी में नहीं डालना चाहिए तो उस पानी को ना डालने से हम जल प्रदूषण को रोकने में मदद कर सकते हैं
ख) जल प्रदूषण को रोकने के लिए दूसरा उपाय यह है कि हम जिस तरह से भी हो पानी का कम से कम उपयोग करें कभी कम उपयोग से हम पानी के तो बताएंगे साथ ही उसकी दो प्रदूषण रहित भी करेंगे कम पानी होने को जैसे हम पानी को ज्यादा इस्तेमाल करेंगे नहीं गंदा करेंगे से पानी का उपयोग ज्यादा भी नहीं होगा जल प्रदूषण भी नहीं होगा
ग)और साथ ही साथ आकर अमरपुर जल प्रदूषण रोकने है तो हमार को उसमें किसी भी तरह का गंदा पदार्थ नहीं डालनी थी जैसे कि अगर मार्ग कूड़ा करकट कब चल रहा जैसा भी प्रकार का अगर खुद समान होते तो मैं उस में नहीं डालना चाहिए उससे हमार जल प्रदूषण रोकते साथ ही साथ किसी भी तरह का छिलका सुखा कचरा व अन्य प्रकार के पास में नहीं डालना चाहिए उनको रोकने में मदद करती से पानी निकाल कर आना चाहिए ना उनको डाल देना चाहिए क्योंकि उसमें हो जाएगा हो जाएगाएचएमआर को जल प्रदूषण को रोकने के लिए ऐसे बहुत से कार्य कर सकते हैं जिससे कि जल प्रदूषण ना हो गए कार्य हो सकते हैं कि हम लोगों को प्रेरित करें कि पानी का जितना कम उपयोग और साथ ही साथ जितना हम उसमें लेंगे हमारे लिए बहुत अच्छा हो सकता है
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Explanation:
जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलोंं, नदियों, समुद्रों और भूजल के जल के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।
जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है। जल में विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थों के मिलने से जल प्रदूषण होता है।जल प्रदूषणजल प्रदूषण जल भी पर्यावरण का अभिन्न अंग है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। मानव स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ जल का होना नितांत आवश्यक है। जल की अनुपस्थित में मानव कुछ दिन ही जिन्दा रह पाता है क्योंकि मानव शरीर का एक बड़ा हिस्सा जल होता है। अतः स्वच्छ जल के अभाव में किसी प्राणी के जीवन की क्या, किसी सभ्यता की कल्पना, नहीं की जा सकती है। यह सब आज मानव को मालूम होते हुए भी जल को बिना सोचे-विचारे हमारे जल-स्रोतों में ऐसे पदार्थ मिला रहा है जिसके मिलने से जल प्रदूषित हो रहा है। जल हमें नदी, तालाब, कुएँ, झील आदि से प्राप्त हो रहा है। जनसंख्या वृद्धि, औद्योगीकरण आदि ने हमारे जल स्रोतों को प्रदूषित किया है जिसका ज्वलंत प्रमाण है कि हमारी पवित्र पावन गंगा नदी जिसका जल कई वर्षों तक रखने पर भी स्वच्छ व निर्मल रहता था लेकिन आज यही पावन नदी गंगा क्या कई नदियाँ व जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं। यदि हमें मानव सभ्यता को जल प्रदूषण के खतरों से बचाना है तो इस प्राकृतिक संसाधन को प्रदूषित होने से रोकना नितांत आवश्यक है वर्ना जल प्रदूषण से होने वाले खतरे मानव सभ्यता के लिए खतरा बन जायेंगे।