India Languages, asked by Krutik1779, 1 year ago

jal pradushan essay in hindi language

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Answered by Swayze
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धरती पर ताजे पानी का स्तर हर दिन घटता ही जा रहा है। पृथ्वी पर पीने के पानी की उपलब्धता सीमित है जबकि वो भी इंसानों की गलत गतिविधियों की वजह से प्रदूषित हो रही है। ताजे पीने के पानी के अभाव में धरती पर जीवन की संभावना का आकलन करना बहुत कठिन है। जल की उपयोगिता और गुणवत्ता का गिरना जल में कार्बनिक, अकार्बनिक, जैविक और रेडियोलॉजिकल के माध्यम से बाहरी तत्वों का मिलना जल प्रदूषण है।

खतरनाक प्रदूषक नुकसानदायक रसायन, घुले हुए गैस, प्रसुप्त पदार्थ, घुले हुए मिनरल्स और कीटाणु सहित अशुद्धि के विभिन्न प्रकार लिये रहता है। सभी प्रदूषक पानी में घुले हुए ऑक्सीजन की मात्रा को घटा देता है और इंसान और जानवर को बड़े स्तर पर प्रभावित करता है। पौधों और जानवरों के जीवन को जारी रखने के लिये जलीय तंत्र के द्वारा जरुरी पानी में मौजूद ऑक्सीजन घुला हुआ ऑक्सीजन होता है। हालांकि कार्बनिक पदार्थों के कचरे का ऑक्सीकरण करने लिये वायुजीवी सूक्ष्मजीव के द्वारा ज़रुरी ऑक्सीजन जैव-रसायनिक ऑक्सीजन है। जल प्रदूषण दो कारणों से होता है, एक प्राकृतिक प्रदूषण (चट्टानों के निक्षालन से, कार्बनिक पदार्थों का अपक्षय, मरे जीवों का अपक्षय, अवसादन, मृदा अपरदन आदि) और दूसरा मानव जनित जल प्रदूषण (वन कटाई, जलीय स्रोतों के पास उद्योग लगाना, औद्योगिक कचरों का उच्च स्तर का उत्सर्जन, घरेलू सीवेज़, सिन्थेटिक रसायन, रेडियो-धर्मी कचरा, खाद, कीटनाशक दवाई आदि)।
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