Hindi, asked by akashdogra38, 6 months ago

जल-संकट के कारण पर निबंध​

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Answered by jayaambokar
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जब तक जल के महत्व का बोध हम सभी के मन में नहीं होगा तब तक सैद्धांतिक स्तर पर स्थिति में सुधार संभव नहीं है। इसके लिये लोगों को जल को सुरक्षित करने के लिये सही प्रबंधन के अनुसार कार्य करना होगा यदि वक्त रहते जल संरक्षण पर ध्यान न दिया तो हो सकता है कि जल के अभाव में अगला विश्वयुद्ध जल के लिये हो तो इसमें आश्चर्य नहीं और हम सब इसके लिये जिम्मेदार होंगे, अर्थात यह संपूर्ण मानव समाज। प्राचीन काल से ही जल के लिये अधिक समृद्धि क्षेत्र उपमहाद्वीप को माना जाता था, पर वर्तमान समय में विश्व के अन्य देशों की तरह भारत में भी जल संकट की समस्या ज्वलंत है। जल संकट आज भारत के लिये सबसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न है, जिस भारत में 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से घिरा हो वहाँ आज स्वच्छ जल उपलब्ध न हो पाना विकट समस्या है। भारत में तीव्र नगरीकरण से तालाब और झीलों जैसे परंपरागत जलस्रोत सूख गए हैं। उत्तर प्रदेश में 36 ऐसे जिले हैं जहाँ भूजल स्तर में हर साल 20 सेंटीमीटर से अधिक की गिरावट आ रही है। उत्तर प्रदेश के इन विभिन्न जनपदों में प्रतिवर्ष पोखरों का सूख जाना, भूजल स्तर का नीचे भाग जाना, बंगलुरु में 262 जलाशयों में से 101 का सूख जाना, दक्षिण दिल्ली में भूमिगत जलस्तर 200 मीटर से नीचे चला जाना, चेन्नई और आस-पास के क्षेत्रों में प्रतिवर्ष 3 से 5 मीटर भूमिगत जलस्तर में कमी, जल संकट की गंभीर स्थिति की ओर ही संकेत करते हैं।

केंद्रीय भूजल बोर्ड के द्वारा विभिन्न राज्यों में कराए गए सर्वेक्षण से भी यह बात स्पष्ट होती है कि इन राज्यों के भूजल स्तर में 20 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की दर से गिरावट आ रही है। भारत में वर्तमान में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 2,000 घनमीटर है, लेकिन यदि परिस्थितियाँ इसी प्रकार रहीं तो अगले 20

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