जल संकट निबंध in Hindi
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जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।
जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।
जब तक जल के महत्व का बोध हम सभी के मन में नहीं होगा तब तक सैद्धांतिक स्तर पर स्थिति में सुधार संभव नहीं है। इसके लिये लोगों को जल को सुरक्षित करने के लिये सही प्रबंधन के अनुसार कार्य करना होगा यदि वक्त रहते जल संरक्षण पर ध्यान न दिया तो हो सकता है कि जल के अभाव में अगला विश्वयुद्ध जल के लिये हो तो इसमें आश्चर्य नहीं और हम सब इसके लिये जिम्मेदार होंगे, अर्थात यह संपूर्ण मानव समाज। आज मनुष्य के जीवन के लिये उपयोगी जल की स्थिति भी उस पेड़ की तरह होगी जहाँ वह (पेड़) यह कह रहा है कि-
‘‘जड़ आज मेरी उस शख्स ने काट दी,
थक के बैठा था, जो कल मेरी छाँव में।’’