Hindi, asked by mk2109237, 9 months ago

Jalchar par anuched in hindi

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Answered by chaithra68
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मगरमच्छ रेप्टीलिया वर्ग के सबसे बङे जंतुओं में एक है। यह 4 से 25 मीटर तक लंबा हो सकता है। मगरमच्छ बड़े, भारी शरीर वाले उभयचर जंतु हैं, जो दिखने में कुछ हद तक छिपकली जैसे लगते हैं और मांसभक्षी प्रकृति के होते हैं। यह सरीसृप गण क्रोकोडिलिया के सदस्य है। शंक्वाकार दांतों से युक्त इनके जबड़े काफ़ी मज़बूत होते हैं और इनके छोटे पैरों के पंजे झिल्लीयुक्त होते हैं। पूंछ लंबी, भारी और चमड़ी मोटी व पट्टीदार होती है। दुनिया भर में इसकी लगभग 20 से अधिक प्रजातियों की खोज की गई है।

मगरमच्छ पुराऐतिहासिक काल के डायनासोरनुमा प्राणियों की अंतिम जीवित कड़ी हैं। साथ ही जीवाश्मों ये पक्षियों के सबसे नज़दीकी जीवित रिश्तेदार हैं। कई प्रकार के मगरमच्छों के जीवाश्मों की खोज की गई है! क्रोकोडिलिया गण के चार उपगणों में से तीन लुप्त हो चुके हैं। व्यापक जीवाश्म प्रमाणों के आधार पर मगरमच्छों और अन्य रीढ़धारी प्राणी समूहों के बीच सुपरिभाषित संबंध क़ायम करना संभव हो पाया है।

मगरमच्छ भारत में नदियों, दलदलों और झीलों में पाए जाते हैं। नदियों के मुहानों के क्षेत्र में पाया जाने वाला मगरमच्छ (क्रोकोडिलस पोरोसस) जिसकी लंबाई लगभग 9 मीटर होती है, सामान्यतः कीचड़युक्त डेल्टा क्षेत्र में पाई जाने वाली मछलियों, पक्षियों और केकड़ों को खाता है। लंबी थूथन वाला घड़ियाल (गैविएलिस गैंजेटिकस), जो मगरमच्छ से मिलती-जुलती प्रजाति है, गंगा और ब्रह्मपुत्र समेत बड़ी नदियों और उनकी सहयोगी धाराओं में पाया जाता है।

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