jaldi batao Yar koi very urgent
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‘जल ही जीवन है’ और ‘जल बचाएं, जीवन बचाएं’ जैसे वाक्य हमें जल अर्थात पानी को बचाने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं. हमारी पृथ्वी के लगभग 71% हिस्से में पानी होने के बावजूद भी दुनिया के कई देश ‘पीने लायक पानी’ की कमी की गंभीर समस्या और चुनौती झेल रहे हैं. अगर हम अपने देश भारत की बात करें तो भारत में विश्व के 4% वाटर रिसोर्सेज हैं और वर्ल्ड पापुलेशन का लगभग 18 % हिस्सा भारत में रहता है. ‘पीने लायक पानी’ का मतलब शुद्ध और साफ़ पानी से है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ ही हमारे जीवन यापन के लिए जरुरी सभी दैनिक कार्यों जैसेकि, पानी पीने, खाना बनाने, नहाने, कपड़े-बर्तन धोने आदि को निपटाने के साथ-साथ पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के जीवन के लिए भी उपयोगी होता है. अब, हमारी पृथ्वी में पाए जाने वाले पानी का तकरीबन 96.5% भाग समुद्री पानी है अर्थात ऐसा पानी जिसका हम अपने रोज़ाना के कामकाज निपटाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि समुद्र के पानी में नमक की ज्यादा मात्रा होने के कारण समुद्र का पानी खारा होता है जिसका उपयोग हम अपने जीवन की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए बिलकुल नहीं कर सकते हैं.