जमींदार विधवा से झोपड़ी हटाने के लिए क्यों कर रहा था?
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Answer:
जमींदार को अपने महल पर बहुत घमंड था । उसके आलीशान महल के पास वृद्धा की झोपड़ी उसकी आँखों में खटकता था । इसलिए वह विधवा से झोपड़ी हटाने के लिए कह रहा था ।
जमींदार विधवा से झोपड़ी हटाने के लिए क्यों कर रहा था?
जमीदार विधवा से उसकी झोपड़ी हटाने के लिए इसलिए कह रहा था, क्योंकि जमीदार के आलीशान महल के सामने ही विधवा की टूटी-फूटी झोपड़ी थी। उसे घमंड था कि वह टूटी फूटी झोपड़ी उसके आलीशान महल की शान में खटकती थी। इसीलिए वह विधवा से उसकी झोपड़ी हटाने के लिए कह रहा था ताकि उसका आलीशान महल चमकता दमकता रहे।
व्याख्या :
‘एक टोकरी भर मिट्टी’ जब विधवा को उसकी झोपड़ी हटाने की जमींदार की सारी कोशिशें बेकार हो गई तो उसने विधवा की झोपड़ी को हथियाने के लिए अनेक तरह के पैंतरे चलने शुरू कर दिए। विधवा अपनी झोपड़ी से अपनी जीवन की यादों से जुड़ी थी, इसलिए वह अपनी झोपड़ी को छोड़कर नहीं जाना चाहती थी।