History, asked by Aayush1639, 10 months ago

जमशेदजी टाटा ने किसके मुझाव पर लौह - अयस्क के सर्वेक्षण के लिए अपने पुत्र को छत्तीसगढ़ भेजा था ?

Answers

Answered by harleenrani8684
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Answer:

कोेल्हान के आयरन ओर से टाटा स्टील के जमशेदपुर कारखाना और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के बोकारो प्लांट में लोहा(स्टील) बनता है। पश्चिमी सिंहभूम में देश का 26% आयरन ओर (हेमेटाइट) का भंडार है। यहां नोआमुंडी, गुआ, चिरिया, किरीबुरू समेत 41 खदानें हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोल्हान में 18 हजार मिलियन टन आयरन ओर का भंडार है। इस किस्म का लौह अयस्क सबसे ज्यादा ओडिशा के बड़बिल-कोइरा वैली, सुंदरगढ़, मयूरभंज, क्योंझर, कोरापुट में पाया जाता है। आयरन ओर की प्रचूरता देखते हुए ही जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने स्टील उद्योग के लिए जमशेदपुर का चयन किया था। यहां सबसे ज्यादा रोजगार आयरन अोर की खदानों और स्टील व अन्य प्रोडक्ट्स का निर्माण करने वाली कंपनियों में मिलता है। श्रम विभाग के आंकड़ांे के अनुसार, खदानों में करीब 20 हजार स्थायी और 35 हजार से ज्यादा अस्थायी कर्मचारी हैं। स्टील, लोहा, स्पंज आयरन, इंगोट और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स की निर्माता कंपनियों में 50 हजार स्थायी व 1.10 लाख अस्थायी कर्मचारी काम करते हैं। दो लाख से ज्यादा लोगाें को आयरन ओर व इससे जुड़ी कंपनियों में रोजगार मिला हुआ है।

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