Jan sanchar ka madham par nibhand
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लोकसम्पर्क या जनसम्पर्क या जनसंचार (Mass communication) से तात्पर्य उन सभी साधनों के अध्ययन एवं विश्लेषण से है जो एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या के साथ संचार सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं। प्रायः इसका अर्थ सम्मिलित रूप से समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, चलचित्र से लिया जाता है जो समाचार एवं विज्ञापन दोनो के प्रसारण के लिये प्रयुक्त होते हैं।
जनसंचार माध्यम में संचार शब्द की उत्पति संस्कृत के 'चर' धातु से हुई है जिसका अर्थ है चलना
जनसंचार माध्यम में संचार शब्द की उत्पति संस्कृत के 'चर' धातु से हुई है जिसका अर्थ है चलना
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ये रहा आपका उत्तर
अपने विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को सम्प्रेषित करने के लिए मनुष्य को संचार की आवश्यकता पड़ती है । संचार मौखिक एवं लिखित दोनों रूपों में हो सकता है । पहले मनुष्य आपस में बोल या इशारे से अपनी अभिव्यक्ति करता था ।
वैज्ञानिक प्रगति ने उसे संचार के अन्य साधन भी उपलब्ध करवाए । अब मनुष्य दुनिया के छोर पर मौजूद व्यक्ति से दुनिया के दूसरे छोर से वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से बात करने में सक्षम है । ये वैज्ञानिक उपकरण ही संचार के साधन कहलाते हैं ।
टेलीफोन, रेडियो, समाचार-पत्र, टेलीविजन इत्यादि संचार के ऐसे ही साधन हैं टेलीफोन ऐसा माध्यम है, जिसकी सहायता से एक बार में कुछ ही व्यक्तियों से संचार किया जा सकता है, किन्तु संचार के कुछ साधन भी है, जिनकी सहायता से एक साथ कई व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हे
जिन साधनों का प्रयोग कर एक बडी जनसंख्या तक विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को सम्प्रेषित किया जाता है, उन्हें हम जनसंचार माध्यम कहते हैं । जनसंचार माध्यमों को कुल तीन वर्गों-मुद्रण माध्यम, इलेक्ट्रानिक माध्यम एवं नव-इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विभाजित किया जा सकता है । मुद्रण माध्यम के अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, पैम्फलेट, पोस्टर, जर्नल पुस्तकें इत्यादि
इन माध्यमों से लोगों को देश की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी तो मिलती ही हे, साथ ही उनका मनोरंजन भी होता है । किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए निष्पक्ष एवं निर्भीक जनसंचार माध्यमों का होना आवश्यक है । ये देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की सही तस्वीर प्रस्तुत करते हैं ।
चुनाव एवं अन्य परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से जन-साधारण को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी जनसंचार माध्यमों को ही बहन करनी पड़ती है । ये सरकार एवं जनता के बीच एक सेतु का कार्य करते है इसे हम मीडिया भी कहते हैं ।
जनता की समस्याओं को इन माध्यमों से जन-जन तक पहुँचाया जाता है । विभिन्न प्रकार के अपराधों एवं घोटालों का पर्दाफाश कर ये देश एक समाज का भला करते हैं । इस तरह, ये आधुनिक समाज में लोकतन्त्र के प्रहरी का रूप ले चुके है, इसलिए इन्हें लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ की संज्ञा दी गई है । आशा है आने वाले वर्षों में भारतीय मीडिया अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी के साथ निभाते हुए देश के विकास में और सहयोग करेगा ।
❤️❤️आशा करता हु उत्तर अच्छा लगेगा❤️❤️❤️
अपने विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को सम्प्रेषित करने के लिए मनुष्य को संचार की आवश्यकता पड़ती है । संचार मौखिक एवं लिखित दोनों रूपों में हो सकता है । पहले मनुष्य आपस में बोल या इशारे से अपनी अभिव्यक्ति करता था ।
वैज्ञानिक प्रगति ने उसे संचार के अन्य साधन भी उपलब्ध करवाए । अब मनुष्य दुनिया के छोर पर मौजूद व्यक्ति से दुनिया के दूसरे छोर से वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता से बात करने में सक्षम है । ये वैज्ञानिक उपकरण ही संचार के साधन कहलाते हैं ।
टेलीफोन, रेडियो, समाचार-पत्र, टेलीविजन इत्यादि संचार के ऐसे ही साधन हैं टेलीफोन ऐसा माध्यम है, जिसकी सहायता से एक बार में कुछ ही व्यक्तियों से संचार किया जा सकता है, किन्तु संचार के कुछ साधन भी है, जिनकी सहायता से एक साथ कई व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हे
जिन साधनों का प्रयोग कर एक बडी जनसंख्या तक विचारों, भावनाओं व सूचनाओं को सम्प्रेषित किया जाता है, उन्हें हम जनसंचार माध्यम कहते हैं । जनसंचार माध्यमों को कुल तीन वर्गों-मुद्रण माध्यम, इलेक्ट्रानिक माध्यम एवं नव-इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विभाजित किया जा सकता है । मुद्रण माध्यम के अन्तर्गत समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, पैम्फलेट, पोस्टर, जर्नल पुस्तकें इत्यादि
इन माध्यमों से लोगों को देश की प्रत्येक गतिविधि की जानकारी तो मिलती ही हे, साथ ही उनका मनोरंजन भी होता है । किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए निष्पक्ष एवं निर्भीक जनसंचार माध्यमों का होना आवश्यक है । ये देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की सही तस्वीर प्रस्तुत करते हैं ।
चुनाव एवं अन्य परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से जन-साधारण को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी जनसंचार माध्यमों को ही बहन करनी पड़ती है । ये सरकार एवं जनता के बीच एक सेतु का कार्य करते है इसे हम मीडिया भी कहते हैं ।
जनता की समस्याओं को इन माध्यमों से जन-जन तक पहुँचाया जाता है । विभिन्न प्रकार के अपराधों एवं घोटालों का पर्दाफाश कर ये देश एक समाज का भला करते हैं । इस तरह, ये आधुनिक समाज में लोकतन्त्र के प्रहरी का रूप ले चुके है, इसलिए इन्हें लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ की संज्ञा दी गई है । आशा है आने वाले वर्षों में भारतीय मीडिया अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी के साथ निभाते हुए देश के विकास में और सहयोग करेगा ।
❤️❤️आशा करता हु उत्तर अच्छा लगेगा❤️❤️❤️
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