Social Sciences, asked by bharatbhairibadiya17, 2 months ago

जन. 5.
हशॐ पहशनी वस्तीमा मऽधा ॐ तेथीबाही
संध्या रायती​

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Answered by nzptsix380
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Answer:

चौपाई

जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी॥

राम भगत जग चारि प्रकारा। सुकृती चारिउ अनघ उदारा॥

भावार्थ-

(संकट से घबराए हुए) आर्त भक्त नाम जप करते हैं, तो उनके बड़े भारी बुरे-बुरे संकट मिट जाते हैं और वे सुखी हो जाते हैं। जगत् में चार प्रकार के (1-अर्थार्थी - धनादि की चाह से भजनेवाले, 2-आर्त - संकट की निवृत्ति के लिए भजनेवाले, 3-जिज्ञासु - भगवान को जानने की इच्छा से भजनेवाले, 4-ज्ञानी - भगवान को तत्त्व से जानकर स्वाभाविक ही प्रेम से भजनेवाले) रामभक्त हैं और चारों ही पुण्यात्मा, पापरहित और उदार हैं।

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