जनाब मोर के पंख होते हैं मोरनी के नहीं| शेर के बाल होते हैं , शेरनी के नहीं | - इस कथन के द्वारा गोपाल प्रसाद ने क्या कटाक्ष किया है ?
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गोपाल प्रसाद का इन पंक्तियों के माध्यम से कहने का अर्थ है कि पुरुष स्त्रियों से श्रेष्ठ होते हैं प्रकृति ने नर को नारी से श्रेष्ठ बनाया है मोर के पंख होते हैं मोरनी के नहीं शेर के बाल होते हैं शेरनी के नहीं इस प्रकार गोपाल प्रसाद पुरुषों को स्त्रियों से श्रेष्ठ मानता है
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