जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था, माँ तूने गोद मे उठा कर जब प्यार किया था !
Answers
Answer:
Love you maa
Explanation:
आज घर की तलाशी हुई पता नहीं कहां छुपा कर रखते हैं दुख मां बाप
दरवाजे पे निगाहें लगी रहती थी जब तक हम घर नहीं लौटते थे
Love you maa
Answer:
Home News
News
जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था, माँ तूने गोद मे उठा कर जब प्यार किया था !
11/05/2019
“घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरों पर खड़ा हुआ
तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई, आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह, माँ प्यार ये तेरा कैसा है
सीधा-साधा, भोला-भाला, मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊ बड़ा, “माँ!” मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ !! “—-संदर्भ – फ़ेसबुक
एक माँ ही है जो हमारी हर एक जरूरत का ध्यान रख सकती है। उन्हें धन्यवाद और आदर देने के लिये वर्ष का एक दिन समर्पित किया गया है जिसे हर साल हम सभी मातृ-दिवस के रुप में मनाते आ रहे है। मां हमारी खुशी में खुश होती है और हमारे दुख से दुखी हो जाती है। माँ अपने बच्चों के लिये पूरी निष्ठावान होती है।
भारत में हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। परिवार के सभी सदस्य माँ को उपहार देते है तथा ढ़ेर सारी बधाईयाँ देते है। हमारे लिये माँ हर वक्त हर जगह मौजूद रहती है। हमारे जन्म लेने से अपने अंतिम पल तक वो हमारा किसी छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। हम अपने जीवन में उनके योगदानों की गणना नहीं कर सकते है। यहाँ तक कि हम उनके सुबह से रात तक की क्रिया-कलापों की गिनती भी नहीं कर सकते।
माँ के पास ढ़ेर सारी जिम्मेदारियाँ होती हैं वो उसको लगातार बिना रुके और थके निभाती है। वो एकमात्र ऐसी इंसान है जिनका काम बिना किसी तय समय और कार्य के तथा असीमित होती है। हम उनके योगदान के बदले उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते हालाँकि हम उन्हें एक बड़ा सा धन्यवाद कह सकते है साथ ही उन्हें सम्मान देने के साथ ध्यान भी रख सकते है।हालांकि माँ के लिए हर दिन महत्वपूर्ण होता है।फिर भी मदर्स डे बच्चे और माँ दोनों के लिये वर्ष का एक बहुत ही खास दिन है। मदर्स डे पर स्कूलों में शिक्षकों तथा विद्यार्थीयों द्वारा तरह तरह के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। स्कूल शिक्षक और प्रधानाध्यापक के आदेश पर उनके बच्चों के द्वारा माताओं को खासतौर से निमंत्रित किया जाता है। बच्चे मदर्स डे पर आयोजित कार्यक्रमों के आयोजन में काफी उत्साहित रहते हैं और अपनी माँ के लिये हिन्दी या इंग्लिश में खास कविता व्याख्यान या संवाद तैयार करते है।
हमारे प्रतिदिन के जीवन में माँ के योगदान को विशिष्ट रुप से दर्शाने के लिये विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों में मातृ-दिवस को मनाया जाता है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है। सभी माँ अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्णं भूमिका अदा करती है। वो हर एक चीज का ध्यान रखती है जो उसके बच्चे की जरुरत हो। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक वो खुद को अपने बच्चे के लिये पूरी तरह न्यौछावर रहती है।
सच पूछिए तो माँ के बिना जीवन सम्भव नही है, माँ जननी है, असहनीय शारीरिक कष्ट के उपरान्त वे शिशु को जन्म देती हैं| अपने स्वार्थ को त्यागकर, अपने कष्टों को भूलकर वह बच्चे का पालन-पोषण करती हैं। अपनी संतान की ख़ुशी के लिए माँ अनेक कष्टों को भी सहज स्वीकार कर लेती है| माँ के स्नेह और त्याग का पृथ्वी पर दूसरा कोई उदाहरण मिलना सम्भव नही हैं। हमारे शास्त्रों में माँ को देवताओं समान पूजनीय बताया गया है| माँ के बारे में जितना कहे उतना कम है।