जन तथा आनंद प्राप्ति का साधन: वचन
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पुस्तक मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र होती है। ... पुस्तकें पढ़ने से ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है। कोई भी मनुष्य हर दृष्टि से परिपूर्ण नहीं होता। मनुष्य बहुत सारी बातें देख-सुन और पढ़कर सीखता है।
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Explanation:
दुनिया में ज्ञान तथा विद्या जैसा पवित्र कुछ भी नहीं है।और इस पवित्रता का आनंद केवल वाचन प्रेरणा से ही मिलता है।
अनेक लोग अनेक प्रकार के छंद करके आनंद प्राप्ति लते हैं।
कोई गाना गाता है। कोई कोई वाद्य बजाता है।तो कोई चित्र निकालता है।किसी को खेल तो किसी को वाहन चलाने में आनंद प्राप्ति होती हैं।
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