जनजातीय समूह किस तरह जीते थे?
Answers
Answered by
2
जनजाति (tribe) वह सामाजिक समुदाय है जो राज्य के विकास के पूर्व अस्तित्व में था या जो अब भी राज्य के बाहर हैं। जनजाति वास्तव में भारत के आदिवासियों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक वैधानिक पद है। भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति पद का प्रयोग हुआ है और इनके लिए विशेष प्रावधान लागू किये गए हैं।
भारत में जनजातियों की जनसंख्या -: 1991 की जनगणना के अनुसार 6,77,58,380 भारत में जनजातियों की जनसंख्या है।
भारत में कबीली जनसंख्या के विषय में स्पष्ट और सुलझे विचारों का अभाव रहा है। 'कबीला' शब्द की परिभाषा के विषय में भी विद्वानों में मतैक्य नहीं है। फलस्वरूप जनगणना रिपोर्टों में भी जहाँ कुछ कबीलों को जतियों की सूची में रखा गया है, बहुत सी नीची जातियों को भी कबीलों में सम्मिलित कर लिया गया है। इस संबंध में एक जनगणना से दूसरी जनगणना में भी विषमता पाई जाती है। एक जनगणना के अनुसार समस्त भारतीय कबीलों का धर्म 'आत्मावाद' की श्रेणी में आता है किंतु उसकी अगली जनगणना में ही कबीली धर्म की सर्वथा पृथक श्रेणी बना दी गई है। वास्तव में मूल प्रश्न यह है कि 'कबीला' कहते किसे हैं? इस शब्द की अब तक दी गई परिभाषओं से अधिक न्यायसंगत संभवत: नूतन किंतु गुणात्मक परिभाषा है। इस नवीन परिभाषा के अनुसार कबीला निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर वास करनेवाला ऐसा अंतर्विवाही सामाजिक समूह है जिसमें कार्यों का विशिष्टीकरण नहीं पाया जाता। समान भाषा या बोली द्वारा संगठित और कबील अधिकारियों द्वारा प्रशासित यह समूह अन्य कबीलों और जातियों से सामाजिक दूरी मानता है किंतु जातिव्यवस्था की भाँति सामाजिक द्वेष जैसी भावना से अछूता है। कबीले को अपनी परंपराएँ, विश्वास एवं रीतियाँ होती हैं और प्रजातीय तथा भागौलिक संग्रथन से उद्भूत सजातीयता की भावना कबीले के सदस्यों में बाह्य प्रभावों से प्रतिरक्षा को जन्म देती है। कबीला अनुसूचित हो सकता है और नहीं भी। कबीले में पर-संस्कृति-धारण की प्रक्रिया या तो पूर्णरूपेण संपन्न हो चुकी होती है या आंशिक रूप में ही।
होप ईंट हेल्प्स यू
#markmethebrainliest#
भारत में जनजातियों की जनसंख्या -: 1991 की जनगणना के अनुसार 6,77,58,380 भारत में जनजातियों की जनसंख्या है।
भारत में कबीली जनसंख्या के विषय में स्पष्ट और सुलझे विचारों का अभाव रहा है। 'कबीला' शब्द की परिभाषा के विषय में भी विद्वानों में मतैक्य नहीं है। फलस्वरूप जनगणना रिपोर्टों में भी जहाँ कुछ कबीलों को जतियों की सूची में रखा गया है, बहुत सी नीची जातियों को भी कबीलों में सम्मिलित कर लिया गया है। इस संबंध में एक जनगणना से दूसरी जनगणना में भी विषमता पाई जाती है। एक जनगणना के अनुसार समस्त भारतीय कबीलों का धर्म 'आत्मावाद' की श्रेणी में आता है किंतु उसकी अगली जनगणना में ही कबीली धर्म की सर्वथा पृथक श्रेणी बना दी गई है। वास्तव में मूल प्रश्न यह है कि 'कबीला' कहते किसे हैं? इस शब्द की अब तक दी गई परिभाषओं से अधिक न्यायसंगत संभवत: नूतन किंतु गुणात्मक परिभाषा है। इस नवीन परिभाषा के अनुसार कबीला निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर वास करनेवाला ऐसा अंतर्विवाही सामाजिक समूह है जिसमें कार्यों का विशिष्टीकरण नहीं पाया जाता। समान भाषा या बोली द्वारा संगठित और कबील अधिकारियों द्वारा प्रशासित यह समूह अन्य कबीलों और जातियों से सामाजिक दूरी मानता है किंतु जातिव्यवस्था की भाँति सामाजिक द्वेष जैसी भावना से अछूता है। कबीले को अपनी परंपराएँ, विश्वास एवं रीतियाँ होती हैं और प्रजातीय तथा भागौलिक संग्रथन से उद्भूत सजातीयता की भावना कबीले के सदस्यों में बाह्य प्रभावों से प्रतिरक्षा को जन्म देती है। कबीला अनुसूचित हो सकता है और नहीं भी। कबीले में पर-संस्कृति-धारण की प्रक्रिया या तो पूर्णरूपेण संपन्न हो चुकी होती है या आंशिक रूप में ही।
होप ईंट हेल्प्स यू
#markmethebrainliest#
Answered by
0
Answer:
yah Uttar sahi hai dhanyvad Uttar dene ke liye
Similar questions