जनमाध्यम के रूप में सिनेमा की भूमिका पर प्रकाश डालिए ।
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जनमाध्यम के रूप में सिनेमा की भूमिका
सिनेमा समाज को बदलने का सशक्त माध्यम है, क्योंकि फिल्मों द्वारा मनोरंजन के बीच में ही दिए गए संदेश का दशकों के मन-मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता हैय़ दर्शक फिल्में देखने मनोरंजन के उद्देश्य जाते हैं। इसी मनोरंजक के कार्य में बीच में कोई उद्देश्य पूर्ण संदेश दे दिया जाए या तो वह दर्शक जल्दी ग्रहण करते हैं।
फिल्मों में जो भी दिखाया जाता है, वह समाज का आईना होती है। हमारे समाज में जो भी घटित हो रहा है, वही फिल्मों के माध्यम से परिलक्षित होता है। फिल्मे हमेशा वर्तमान समाज की प्रासंगिकता पर बनती रही हैं। यदि फिल्मों के माध्यम से कोई सार्थक संदेश दिया जाए तो वह संदेश अधिक प्रभावी होता है।
यह मनुष्य की मानसिकता है कि वह उसे उपदेशात्मक तरीके से कोई संदेश दिया जाए तो मैं उतनी तत्परता से नहीं ग्रहण करता, लेकिन यदि उसे मनोरंजनात्मक माध्यम से कोई संदेश दिया जाए तो वो अधिक प्रभावी तरीके से कर ग्रहण कर लेता है।
फिल्मों में समाज को बदलने की शक्ति होती है। हमारे भारतीय समाज पर फिल्मों का गहरा प्रभाव रहा है। हमारे भारत देश सर्वाधिक फिल्में बनाने वाले देशों में शामिल है, इस कारण समाज को बदलने में फिल्में में अपनी भूमिका निभाती रहीं हैं। बस हमें इस विषय में सचेत रहना है कि हम फिल्मों के माध्यम से कोई सार्थक और सकारात्मक संदेश दें।
सिनेमा भी समाज का आईना होता है, इस बात से पूरी तरह सहमत हुआ जा सकता है। भारतीय सिनेमा में अक्सर समाज की तत्कालीन परिस्थितियों को दर्शाती फिल्में बनती रही हैं। दर्शक वही सिनेमा देखना पसंद करता है, जो उसे उसके जीवन से जोड़ता हो और सिनेमा के निर्माता-निर्देशक तथ्य को भलीभांति जानते रहे हैं। इस कारण वह हमेशा ऐसे विषयों आदि को चुनते रहे, जो समाज की तत्कालीन परिस्थितियों और घटनाओं को प्रस्तुत रही हैं।
सामाजिक सरोकारों अनेक फिल्में बनी हैं जो हमारे समाज का आईना प्रस्तुत करती रही हैं। समय-समय के साथ जैसे-जैसे समाज में परिवर्तन आ गया आता गया वैसे-वैसे सिनेमा में परिवर्तन आता गया। सिनेमा में नाटकीय अंदाज में जो कहानी कही जाती है, उसका दर्शन की मनोस्थिति पर गहराई तक प्रभाव पड़ता है। दर्शक सिनेमा से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं, और सिनेमा के माध्यम से कोई अच्छा संदेश दिया जा सकता है, और ऐसा होता भी रहा है। अतः स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि सिनेमा जनमाध्यम के रूप में एक सशक्त माध्यम का कार्य करता है।
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