Hindi, asked by sukhvirjadaun1, 17 days ago

जननी तेरे सभी जात हम जननी तेरी जय हो। विश्वराज के प्रजातन्त्र में किसको किसका भय है, हैं व्यक्तित्व स्वतन्त्र हमारे, साधित सर्वोदय है। सीमाओं के बन्धन टूटे, प्रलय युद्ध सब पीछे छूटे, जन-जन ने जीवन रस लूटे, हिंसा रहित हृदय है। प्रश्न- (3) उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

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Answered by arapallivarshini
8

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Answered by shishir303
1

जननी तेरे सभी जात हम जननी तेरी जय हो।

विश्वराज के प्रजातन्त्र में किसको किसका भय है,

हैं व्यक्तित्व स्वतन्त्र हमारे, साधित सर्वोदय है।

सीमाओं के बन्धन टूटे, प्रलय युद्ध सब पीछे छूटे,

जन-जन ने जीवन रस लूटे, हिंसा रहित हृदय है।

उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

➲ उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक होगा...

— नया विश्व।

व्याख्या ⦂

✎... उपर्युक्त पद्यांश में पृथ्वी के प्रति विचारभाव प्रकट किये गये है। कवि कहता है कि समस्त पृ्थ्वीवासी पृथ्वी की संतान है, और पृथ्वी को अपनी माँ मानते हुए रोज उसका गुणगान करते हैं। आज प्रजातंत्र का युग है, जिसमें किसी को कोई डर नही है। हर नागरिक पूर्ण रूप से स्वतंत्र है। आज विश्व वैश्विक गाँव में सिमटता जा रहा है , देशों की सीमायें टूटने लगी है। अब देशों के बीच युद्ध आदि होना बंद हो गया है। सब लोग अपने जीवन का आनंद ले रहे हैं। सबका हृदय अब हिंसा विहीन हो गया है।

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