जनरल कनिधम कौन थे? वह किस प्रकार हडप्पा के महत्व को समझाने में
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जनरल कनिंघम कौन थे वह किस प्रकार हरप्पा के महत्व को समझने में चूक गए?...
सिंधु घाटी सभ्यतासभ्यताप्राचीन इतिहास
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BRAHMA PRAKASH MISHRA
TEACHER & COUNSELOR {@ 8787011075}
1:28
चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।
नमस्कार आपका वो कल है पर स्वागत है आपका पर्सनल जनरल कनिंघम कौन थे वह किस प्रकार हड़प्पा के महत्व को समझने में चूक गए एग्जेंडर का नहीं हम अलेक्जेंडर कनिंघम इनका जन्म 23 जनवरी 28 और 14 को हुआ था और मृत्यु 18 नवंबर 1893 को हुई थी जनरल कनिंघम को भारत के पुरातत्व अन्वेषण का पिता कहा जाता है कि निगम एक ब्रिटिश पुरातत्व शास्त्री 10 सेना में अभियांत्रिकी पद पर नियुक्त थे उनके दोनों भाई फ्रेंडशिप कर निगम एवं जोसेफ कनिंघम भी अपने योगदान के लिए ब्रिटिश भारत में प्रसिद्ध हुए थे 1835 ईस्वी में एक सैनिक शिक्षार्थी के रूप में ब्रिटेन से भारत आए थे सैनिक इंजीनियर बनकर युद्ध में भाग लिया तथा बाद में बर्मा जो कि वर्तमान में म्यामार है और पश्चिमोत्तर प्रांत के मुख्य अभियंता रहे 18 से 61 ईसवी में सेवानिवृत्त होने पर वह पुरातत्व के काम तथा अपने अध्ययन के आधार पर मदर शास्त्र की अधिकारी विद्वान माने जाने लगे कनिंघम ने मथुरा उत्तर प्रदेश में 10 अट्ठारह सौ इकहत्तर और अट्ठारह सौ 8283 में खुदाई का कार्य कराया अलेक्जेंडर कनिंघम ने भारत के पुरातत्व विभाग के निदेशक के रूप में अट्ठारह सौ सत्तर से अट्ठारह सौ पचास ईसवी तक काम किया और उनकी रुचि विविध विषयों में थ..