जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना पर लेख लिखिए
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जनसंख्या की गत्यात्मकता और व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन का अध्ययन – गोपाल जी
अध्ययन क्षेत्र - बड़कोट
किसी क्षेत्र की कुल कार्यशील जनसंख्या (कुल जनसंख्या में कार्य करने वाली जनसंख्या) को व्यावसायिक जनसंख्या कहते हैं। किसी क्षेत्रीय इकाई में रहने वाली जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना जनसंख्या की गुणात्मक क्षमता होती है। यह मानव विकास का मानक होता है।
बड़कोट को उच्च पर्वतीय कृषि प्रधान क्षेत्र के अन्तर्गत रखा जाता है। उच्च पर्वतीय कृषि प्रधान क्षेत्र में जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना इस प्रकार से पायी जाती है;
कृषि प्रधान क्षेत्र की व्यवसायिक संरचना : इन क्षेत्रों में अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कराती है एवं कृषि कार्यों में लगी हुई होती है। बड़कोट में जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना इस प्रकार है-
क्षेत्र की अधिकांश जनसंख्या (70 प्रतिशत) जनसंख्या ग्रामीण है तथा अधिकांश कार्यशील ग्रामीण जनसंख्या कृषि कार्यों (कृषि, वानिकी, पशुपालन तथा अन्य व्यवसाय) में लगी हुई है।
2001 की जनगणना के अनुसार ---- कुल श्रमिक हैं जिसमें मुख्य कर्मी ----, सीमान्त कर्मी ---- हैं। तथा ---- प्रतिशत श्रमिक कृषि तथा अन्य कृषि आधारित छोटे ग्रामीण उद्योगों में लगे हैं। ---- प्रतिशत जनसंख्या स्वरोजगार तथा अन्य आवश्यक सेवाओं में लगे हैं।
आर्थिक अवसरों और रोजगार की तलाश में श्रम का अन्य स्थानों पर प्रवास, आर्थिक विकास और व्यावसायिक संरचना (रोजगार की संरचना) में परिवर्तन; यह जनसंख्या की गत्यात्मकता और व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन का प्रतिरूप है.
बड़कोट क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए इसके विभिन्न निहितार्थ हैं.
यह क्षेत्र स्थानीय लोगों के आर्थिक विकास की आकांक्षा को पूरा करने में नाकाम है, जहां धीमी आर्थिक उपलब्धियों के कारण क्षेत्र में असंतोष पैदा हो रहा है. जिसके कारण लोग पलायन करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.
उच्च शिक्षा प्राप्ति के साथ रोजगार के नये अवसर विकसित होते हैं, इससे जनसंख्या के व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन होता है,
आर्थिक विकास के पूरा होने पर ही जनसंख्या प्रवास में आंशिक नियंत्रण तक पहुंचा जा सकता है. परन्तु व्यावसायिक संरचना में परिवर्तन का प्रभाव कृषि कार्य पर पड़ रहा है.