जनसंख्या परिवर्तन से आप क्या समझते हैं जनसंख्या परिवर्तन के मुख्य कारण कौन कौन से हैं व्याख्या कीजिए
Answers
Answer:
जनसंख्या का जननांकीय परिवर्तन सिद्धांत (थ्योरी आफ डेमोग्राफिक ट्रांजीशन) यह कहता है कि किसी देश की जनसंख्या आर्थिक विकास की स्थितियों के अनुसार चार अवस्थाओं से गुजरती है। जिन्हें जननांकीय चक्र (डेमोग्राफिक साइकिल) कहते हैं। पहली अवस्था अविकसित देशों में जहां जन्म और मृत्यु दर दोनों अधिक होता है और परिणामत: जनसंख्या वृद्धि दर कम होती है। दूसरी अवस्था विकासशील देशों में होती है जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के कारण मृत्यु दर घट जाती है और परिणामत: जनसंख्या वृद्धि तेज गति से होती है। तीसरी अवस्था विकसित देशों में है जहां मृत्यु दर और भी कम हो जाती है और जन्म दर भी पूर्व से घटती हुई होती है। लिहाजा जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार घटने लगती है। चौथी अवस्था अत्यंत विकसित देशों में है जहां जीवन स्तर ऊंचा हो जाता है और जन्म दर सामाजिक संबंधों के बिखराव के कारण अत्यंत कम हो जाती है। लेकिन मृत्यु होना ही है सो जनसंख्या में कमी होने लगती है। भारत के मामले में देखें तो औसतन हमें दूसरे चरण में माना जाता है जहां जन्म दर अधिक और मृत्यु दर कम होने से जनसंख्या तेजी से बढ़ रही होती है। लेकिन गौर करें तो हम पाते हैं कि अपने भारत देश में ही अलग कुनबों, स्थान और परिस्थितियों में यह चारों अवस्था मौजूद हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के महादलित टोलों में जाएंगे तो वहां हम भारत को जनसंख्या विकास की पहली अवस्था में पाते हैं जहां अधिक जन्म दर और मृत्यु दर भी अधिक है लिहाजा जनसंख्या वृद्धि अत्यधिक कम है। फिर वहीं जब हम शहरों के बगल में स्थित गांवों में जाते हैं तो पाते हैं कि लोग स्वास्थ्य सुविधाओं का उपयोग कर मृत्यु दर को कम कर चुके हैं लेकिन अशिक्षित होने के कारण जन्म दर बढ़ी हुई होती है। लिहाजा यहां जनसंख्या तेजी से बढ़ रही होती है। तीसरी अवस्था हम शहरों में पाते हैं। जहां शिक्षित होने के कारण लोग कम संतान चाहते हैं और जन्म दर कम होती है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी समुन्नत होती है। लिहाजा जनसंख्या वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो जाती है। महानगरों में हम चौथी अवस्था पाते हैं खासकर धनाढ्य वर्गो में। यहां उच्च जीवन स्तर के साथ-साथ सामाजिक और भावनात्मक बिखराव है। अधिक विलासिता, अधिक आराम के कारण कोई शादी नहीं करता तो किसी को संतानोत्पति नहीं होती। मामूली सी बातों पर तलाक होते हैं। बच्चों को बोझ माना जाता है और कई परिवार बिना संतानोत्पति के ही मर जाते हैं। यहां जनसंख्या वृद्धि दर नीचे गिरती हुई होती है। जनसंख्या की पहली और चौथी दोनों ही अवस्था क्रमश: अशिक्षितों और दरिद्रों तथा शिक्षितों व धनाढ्यों की है। एक अच्छी अवस्था दूसरी और तीसरी के बीच की है जब जन्म दर स्थिर हो यानी दो (माता और पिता) मिलकर दो ही संतान पैदा करें। मृत्यु दर तो स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि के कारण कम हो ही रही है। सरकार को जनता के साथ मिलकर इस स्थिति को लाने के लिए जन्म दर कम करने के लिए शिक्षा और जागरूकता का पाठ पढ़ाने की जरूरत है।