जनसंख्या वृद्धि एवं उससे उत्पन्न समस्याओं पर कक्षा में अध्यापिका की सहायता से चर्चा करें।
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Explanation:
भारत चीन के बाद दूसरा विशाल जनसंख्या वाला देश है। संसार की लगभग 17.5% जनसंख्या यहाँ निवार करती है, जबकि भारत का कुल क्षेत्रफल संसार का 2.4% ही है। ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा है कि जिन व्यक्तियों के दो से अधिक बच्चे हों, उनको निर्वाचन के आधार पर मिलने वाले पदों से वंचित किया जाय और सरकारी सेवा में पद नर्हः दिये जायें।” बढ़ती जनसंख्या से उत्पन्न समस्याएँ सुरसा के समान मुँह फैलाकर भारत को निगलने के लिए खड़ी हैं। समस्याएँ अग्रलिखित हैं –
1. बेरोजगारी:
बढ़ती जनसंख्या ने प्रत्येक नागरिक के लिए रोजगार के लिए उपयुक्त परिस्थितियों को निगल लिया है। बेरोजगार युवकों के पथ- भ्रष्ट होने की सम्भावना अधिक रहती है।
2. भुखमरी:
भारत कृषि प्रधान देश होते हुए भी अपनी विशाल जनसंख्या के लिए पर्याप्त तथा समुचित खाद्यान्न उत्पन्न नहीं कर पा रहा है। उत्पादन तथा वितरण के अभाव में लोग भूखे मर रहे हैं।
3. चिकित्सा एवं शिक्षा सुविधाओं का अभाव:
बढ़ती जनसंख्या तथा सीमित संसाधनों की कमी से आज प्रत्येक व्यक्ति को समुचित शिक्षा तथा चिकित्सा नहीं मिल पा रही है। अस्पताल, विद्यालय, महाविद्यालय दिन – प्रतिदिन बढ़ रहे हैं पर वे सब बढ़ती जनसंख्या के सामने ऊँट के मुँह में जीरे के समान हैं।
4. समुचित आवास का अभाव:
लोगों को समुचित आवास तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा। सरकार के सतत् प्रयासों के पश्चात् भी अधिकांश लोग झुग्गी – झोंपड़ियों में रहने को विवश हैं। कुकरमुत्ते की तरह बढ़ती झुग्गी बस्तियाँ विभिन्न वामारियों, महामारियों को जन्म दे रही हैं।
5. स्वच्छ जलाभाव:
जनसंख्या विस्फोट के कारण लोगों को पर्याप्त स्वच्छ जल तक नहीं मिल पा रहा है।
6. वस्त्राभाव:
गरीबी में रह रहे लोगों को पर्याप्त वस्त्र नहीं मिल पा रहे हैं, जबकि भारत वस्त्र निर्यात भी कर रहा है। जनसंख्या विस्फोट के कारण अन्य अनेक समस्याएँ मुँहबाए खड़ी हैं; जैसे – गरीबी, पर्यावरण प्रदूषण, शोषण, अपराध, भ्रष्टाचार, आवागमन का अभाव आदि।
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