जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?
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protection ka istmal krna chaiye
★जनसंख्या वृद्धि को रोकने के उपाय★
1- शिक्षा का प्रसार-
भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गॉंवों में निवास करती है। जनसंख्या मेंयह तीव्र वृद्धि देश के लिए अभिशाप बनती जा रही है। फलस्वरूप गरीबी, बेराजगारी तथामहंगाई आदि समस्यायें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। गांवों में शिक्षा की कमी औरअज्ञानता के कारण तथा नगरों में गंदी बस्तियों के लोगों में शिक्षा की कमी के कारणजनसंख्या नियंत्रण का कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं हो पा रहा है। अतएव लोगों में शिक्षाका प्रसार कर ही जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जा सकता है।
2- परिवार नियोजन-
जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमोंका प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन का रूपदिया जाना चाहिए।
3- विवाह की आयु में वृद्धि करना-
हमारे देश में आज भी बाल विवाह की प्रथा है। अत: बाल-विवाह परकारगर कानूनी रोक लगायी जानी चाहिए। साथ ही लड़के-लडकियों की विवाह की उम्रको भी बढ़ाई जानी चाहिए।
4- संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारण-
परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में संतान की सीमा निर्धारण करना अतिआवश्यक है। जनसंख्या विस्फोट से बचने के लिए प्रत्येक दम्पत्ति के संतानों की संख्या1 या 2 करना अति आवश्यक है। चीन में इसी उपाय को अपनाकर जनसंख्या वृद्धि मेंनियंत्रण पा लिया गया है।
5- सामाजिक सुरक्षा-
हमारे देश में वृद्धावस्था, बेकारी अथवा दुर्घटना से सुरक्षा न होने के कारणलोग बड़े परिवार की इच्छा रखते हैं। अतएव यहॉं सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों मेंबेराजगारी भत्ता, वृद्धावस्था, पेंशन, वृद्धा-आश्रम चलाकर लोगों में सुरक्षा की भावनाजाग्रत की जाय।
6- सन्तति सुधार कार्यक्रम-
जनसंख्या की वृद्धि को रोकने के लिए सन्तति सुधार कार्यक्रमों को भीअपनाया जाना चाहिए। संक्रामक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के विवाह और सन्तानोत्पत्ति परप्रतिबंध लगाया जाये।
7- जीवन-स्तर को ऊॅंचा उठाने का प्रयास-
देश में कृषि व औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाकर लोगों के जीवन स्तर कोऊॅंचा उठाने के प्रयास किये जाने चाहिए । जीवन स्तर के ऊॅंचा उठ जाने पर लोग स्वयंही छोटे परिवार के महत्व को समझने लग जायेंगे।
8- स्वास्थ्य सेवा व मनोरजन के साधन-
देश के नागरिकों की कार्यकुशलता एवं आर्थिक उत्पादन की क्षमता कोबनाये रखने के लिए सार्वजनिक व घरेलू स्वास्थ्य सुविधा एवं सफाई पर ध्यान देनाआवश्यक है। डाक्टर, नर्स एवं परिचारिकाओं आदि की संख्या में वृद्धि किया जानाचाहिए। ग्रामीणों को स्वास्थ्यप्रद जीवन व्यतीत करने तथा मनोरंजन के लिए पर्याप्तसाधन उपलब्ध कराया जाना चाहिए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि गॉंवोंमें स्त्री पुरूषों के लिए एकमात्र मनोरंजन का साधन न रहे।