जनसंख्या वृद्धि देश में सभी समस्याओं का मूल कारण है इस विषय पर अपने मित्र के साथ वार्तालाप करते हुए एक संवाद लिखिए।
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निम्नतम शब्दों में भिन्न की चर्चा यहाँ की गई है।
यदि किसी भिन्न के अंश और हर में 1(एक) के अलावा कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड न हो, तो भिन्न अपने सरल रूप में या निम्नतम पद में कही जाती है।
Answer:
द्वापर युग से ही आबादी बढ़ती थी उसी नियम से जिस नियम से आज भी बढ़ती है फिर भी जनसँख्या समस्या बनकर तब कभी नहीं आयी. आज जनसँख्या जटिल समस्या बन गयी है. इसकी वृद्धि से अनेक समस्या उत्पन्नं होती है. इस समस्या का दूसरा अंग बेकारी की समस्या है , बालविवाह , पुत्र की चाह, अशिक्षा , जानकारी का आभाव, सामाजिक एवं धार्मिक मान्यताएं इत्यादि. इन सभी कारणों को समूल नष्ट करना होगा. सम्भवतः इन उपायों से जनसँख्या वृद्धि पर रोक लग जाये. गरीबी बेरोजगारी, पर्यावरण समस्या , भ्रष्टाचार, आदि अनेक समस्याओं की जड़ यही है. इसके कारण नागरिकों का नैतिक पतन होता है. फलतः राष्ट्रीय चरित्र का पतन स्वाभाविक है. अर्थ व्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. सरकार द्वारा अनेक प्रयत्न किये गए हैं, जनसंचार द्वारा परिवारनियोजन के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार कार्य किया गया है और निरन्तर किया जा रहा है. जनसंख्या राष्ट्र की शक्ति भी कही जा सकती है ।सरकार जन बल से बड़े बड़े कार्यो को कम समय और कम खर्चे में आसानी से करवा सकती है। देश रक्षा तथा शान्ति व्यवस्था के लिये देश के पास उन्नत सेना तैयार हो सकती है। जनसंख्या अधिक होने से लाभ भी है ।लेकिन आवश्यकता से अधिक जनसंख्या वृद्धि से लाभ कम हानि अधिक होती है।आज जनसंख्या की समस्या अत्यन्त विकराल समस्या का रुप ले चुका है। इस समस्या से अनेकों समस्याओं की उत्पत्ति हुई है।वर्षों से इस समस्या के समाधान के लिए कार्य किया जा रहा है।सर्व प्रथम १९५२ में भारत में 'फैमिली प्लानिंग आरम्भ हुई थी। देश की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री ने 'फैमिली प्लानिंग के लिए ठोस कदम उठाया भी था , लेकिन सही जानकारी न होने के कारण अधिकांश जनता के आलोचना की शिकार होना पड़ा था उन्हें। जिन लोगों का आपरेशन किया गया, उन में दूसरे कारण से भी अस्वस्थ होने पर आपरेशन को ही दोष देते थे। इसके पीछे उनके देश के प्रति प्रेम को किसी ने नहीं समझा। अज्ञानता के कारण कुछ लोग विरोध करते थे क्योंकि जागरूकता का अभाव था।" होम करते हाथ जलना" इसी को कहा गया है जो इन्दिराजी के साथ हुआ।उनके उत्कृष्ट भावना को कुछ लोग नहीं समझ सके ।यदि समझ सकते तो आज इतनी भीषण स्थिति नहीं होती।जनसंख्या की लगातार वृद्धि से अनेकों समस्या से देश जूझ रहा है। सबसे मुख्य समस्या में है स्थान की समस्या है ।१०० लोगों के जगह में लाख लोगों के बढ़ने से समस्या होना स्वाभाविक ही है। गरीबी, बेरोजगारी आदि अनेक समस्याओं से पीड़ित है देशवासी। समाधान के लिये सरकार प्रयासरत तो है ही लेकिन वृद्धि से आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है। इसके लिए और भी ठोस कदम उठाना होगा।