जनसंख्या वृद्धि दर को परिभाषित करें और इसके गणन की विधि समझाइये।
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जनसांख्यिकी, मानव जनसंख्या का सांख्यिकीय अध्ययन है। यह एक बहुत सामान्य विज्ञान हो सकता है जिसे किसी भी तरह की गतिशील मानव आबादी पर लागू किया जा सकता है, अर्थात् ऐसी आबादी जो समय और स्थान के साथ-साथ परिवर्तित होती है (जनसंख्या गतिशीलता देखें). इसमें जनसंख्या के आकार, संरचना और वितरण और जन्म, प्रवास, वय वृद्धि और मृत्यु के सन्दर्भ में स्थानिक और/या कालिक परिवर्तन का अध्ययन शामिल होता है।
जनसांख्यिकीय विश्लेषण को शिक्षा, राष्ट्रीयता, धर्म और जातीयता जैसे मानदंडों के आधार पर विभाजित पूरे समाज पर या समूहों पर लागू किया जा सकता है। शिक्षण क्षेत्र में, जनसांख्यिकी को अक्सर समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र अथवा मानव-विज्ञान की एक शाखा के रूप में माना जाता है। औपचारिक जनसांख्यिकी के अध्ययन का लक्ष्य, जनसंख्या की प्रक्रियाओं के मापन तक सीमित है, जबकि सामाजिक जनसांख्यिकी जनसंख्या अध्ययन का अधिक व्यापक क्षेत्र, एक जनसंख्या को प्रभावित करने वाले आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और जैविक प्रक्रियाओं के बीच संबंधों का विश्लेषण करता है।
Explanation:
जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है।