जनता के पास लोकतंत्र में चुनाव ही वह अब हुआ करता है जिसके द्वारा वह शासक दल और विरोधी दल दोनों पर अंकुश और नियंत्रण लगाए रख सकती है, पर अपने इस अचूक अस्त्र के प्रयोग के लिए लोकतंत्र यह व्यवस्था वाले देशों में जनता का सभी प्रकार से जागरूक तथा सावधान होना बहुत आवश्यक हुआ करता है। सामाजिक राजनीतिक आदि सभी पहलुओं से जागरूक जनता ही चुनाव के माध्यम से देश या प्रांतों के प्रशासन में ऐसे व्यक्तियों को भेज सकती है जो वास्तव में निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर जन सेवा के कार्यों में रुचि रखने वाले हो, त्याग तथा बलिदान की भावना से भरकर जनता और राष्ट्रहित को ही सर्वोच्च मानने वाले हो और उनमें ऐसा सब कर सकने की शक्ति और क्षमता भी पूर्ण रूप से विद्यमान हो। इस जागरूकता और सावधानी के अभाव में चुनाव एक नाटक और लोकतंत्र खिलवाड़ बन कर रह जाया करते हैं।
क. प्रस्तुत गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए ख. लोकतंत्र में जनता के पास चुनाव एक अस्त्र के ग. जनता का जागरूक होना क्यों आवश्यक है? समान किस प्रकार है? प. जनता की असावधानी के कारण लोकतंत्र को क्या नुकसान हो सकता है?
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क्यों की जागरूक जनता ही चुनाव के माध्यम से देश या प्रंतो के प्रशासन में ऐसे व्यक्तियो को भेज सकती हैं।जो वास्तव में निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर जन सेवा के कार्य में रुचि रखते हैं इसीलिए जनता का जागरूक होना आवशक आहे।२) sorry but I am very busy ok I hope answer right
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