जनतंत्र कविता का मूल भाव क्या है स्पष्ट कीजिए
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जनतंत्र का जन्म” कविता 'रामधारी सिंह दिनकर' द्वारा लिखी गयी है और इस कविता में भारत की आम-जनता की भावना को व्यक्त किया गया है और जनतंत्र का महत्व बताया गया है। ... क्योंकि अब भारत की जनता जो सदियों से गुलामी के अंधकार की बेड़ियों में जकड़ी बैठी थी अब उसने वो बेड़ियों तोड़ने का संकल्प ले लिया है।
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जनतंत्र का जन्म” कविता 'रामधारी सिंह दिनकर' द्वारा लिखी गयी है और इस कविता में भारत की आम-जनता की भावना को व्यक्त किया गया है और जनतंत्र का महत्व बताया गया है। ... क्योंकि अब भारत की जनता जो सदियों से गुलामी के अंधकार की बेड़ियों में जकड़ी बैठी थी अब उसने वो बेड़ियों तोड़ने का संकल्प ले लिया है।
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