जनतंत्र में लोक शिकायतों का निवारण क्यों आवश्यक है
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किसी भी जनतंत्र में लोक शिकायतों का निवारण इसलिए आवश्यक है, क्योंकि जनतंत्र का तात्पर्य ही है जनता का तंत्र अर्थात जनता द्वारा संचालित और जनता के लिए तंत्र।
जब जनतंत्र में लोक-शिकायतों का निवारण होता रहेगा तो जनतंत्र शाश्वत बना रहेगा। यदि शिकायतों का निवारण नहीं होगा तो जनतंत्र में जो भी जनतांत्रिक व्यवस्थाएं हैं, वह अपना महत्व खो देंगी और शिकायतों के निवारण ना होने से उपजने वाला असंतोष, विरोध और विद्रोह बनकर क्रांति को जन्म दे सकता है। इसलिए जनतंत्र में लोक-शिकायतों का निवारण करना आवश्यक होता है। जनतंत्र में जनता ही अपने प्रतिनिधि शासक को चुनती है, यदि वह जनता की शिकायतों का निवारण नहीं करेगा तो जनता उसमें अपनी आस्था को देगी और उसे उसके पद से हटा सकती है। इसलिए जो भी जनतांत्रिक प्रतिनिधि है उसके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि जनता के समर्थन को अपने प्रति अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए जनता की शिकायतों का निरंतर निवारण करता रहे ताकि जनता का उसमें विश्वास बना रहे। लोक-शिकायतों का निवारण ही जनतंत्र की आधारशिला है।
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Answer:
Why it is necessary to redress public grievances in a democracy?
Explanation:
It is important to redress public grievances in a democracy because in democratic government, the decisions are made for the public and if something is going against the majority of the people, then it is important to take them in confidence by addressing their grievances. Also if these are not timely addressed, then it is possible that people might rise against the government leading to political instability