जरे जरे मे खुदा कणकण मे भगवान लेकिन नजरे को कभी अलग न कंसे मान इसलिये हम प्यार की करते है नफरत से नफरत बडे बडे प्यार से प्यार है मुझको हिंदुस्तान इस पंक्तियों का भावार्थ
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जरे जरे मे खुदा कणकण मे भगवान लेकिन नजरे को कभी अलग न कंसे मान इसलिये हम प्यार की करते है नफरत से नफरत बडे बडे प्यार से प्यार है मुझको हिंदुस्तान इस पंक्तियों का भावार्थ
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