'जरुरतों के नाम पर' कविता का सारांश लिखिए।
जंगल में पेड़ के दिन किस प्रकार के हुआ करते थे? अभी पेड़ का क्या हाल
है?
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ilu
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" जरूरतों के नाम पर " कविता का सारांश निम्न प्रकार से लिखा गया है।
- " जरूरतों के नाम पर " कविता में कवि कुंवर नारायण सिंह ने यह संदेश दिया है कि यह समाज सीधे लोगो का नहीं है। लोग गलत काम करने वालों का साथ देते है।
- लोगों में गलत बात को गलत कहने का साहस नहीं है अपितु जो लोग गलत को गलत कहते है लोग उसी को दोषी ठहराते है।
- जो लोग सत्य को प्रकट करते है उसे ही अकेला छोड़ देते है।
- कवि आगे यह कहते है कि लोग किसी को जीतता हुआ देखकर लोग उससे ईर्ष्या करते है।
- कवि कहते है कि आज कल शिक्षा प्रद पुस्तको की कोई कद्र नहीं करता, लोग इन पुस्तकों को ऐसे ही रख देते है जिससे इन पर धूल जम जाती है।
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