Hindi, asked by uttam8230, 17 days ago

जरुरतमंदों की मदद ही असली त्योहार है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।​

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Answered by crankybirds30
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Answer:

किसी भी व्यक्ति के लिए गरीबी का मतलब अत्यंत निर्धन होने के स्थिति है. एक ऐसा मौका जब लोग अपने छत, भोजन, कपड़ा, बच्चे की पढ़ाई आदि के लिए उचित पैसा नहीं जुटा पाते. गरीबी आने के कई कारण हो सकता है. जिसमें अशिक्षा, बेजरोगारी, बीमारी, प्रकृति आपदा, राजनितिक हिंसा, भ्रष्टाचार, इत्यादि प्रमुख है. निर्धनता के कारण ही गरीब लोग लगातार भूखे रहने, घर के बिना रहने, शिक्षा और उचित अधिकारों के बिना रहने को मजबूर हो जाते हैं.

अपने देश में हालांकि, गरीबी के बहुत से कारण है, मगर मौजूदा परिस्थितियों में लोगों के बीच एकता की कमी के कारण, गरीबों की दशा दिन प्रति दिन और दयनीय होती जा रही है. खैर हम इस पर ज्यादा बात नहीं करेंगे.

Answered by gursharanjali
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Answer:

सेवा, परमार्थ भगवदीय पथ है जहां जीवन सिद्धि है। सनातन संस्कृति चिरकाल से ही पर्यावरण रक्षण मानवीय मूल्यों के संपोषण और अन्य के प्रति आत्मवत व्यवहार की पक्षधर रही है। इस प्रकार सृष्टि के मूल में सर्वत्र ईश्वर ही है। सभी के प्रति एकात्मता और आदर का भाव रखें। सेवा के भावों को अंगीकार करते हुए समाज को अनुकरणीय दिशा दी जा सकती है। मानव समाज में हमेशा सेवाभाव होना अति आवश्यक है। इससे समाज के अंदर फैली कुरीतियां समाप्त होती हैं। सामान्य सेवा कार्यों को भी व्यक्ति यदि जीवन पर्यंत करता रहे तो उसका अहं भाव पूरी तरह समाप्त होकर उसके लिए आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त कर देगा। एक-दूसरे के प्रति प्रेमभाव से सामाजिक एकता, शांति और भाईचारे का आधार बनता है।

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