Geography, asked by ryyogesh291, 1 month ago

jarib aivam feeta sarvekshan ki mukhy upkaran kaun kaun se hai​

Answers

Answered by sangitaadak2000
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Answer:

ज़रीब एवं फीता सर्वेक्षण में केवल रैखिय मापों के आधार पर किसी भू-भाग का मानचित्र या प्लान बनाया जाता हैं। इस विधी से सर्वेक्षण करते समय किसी क्षेत्र में विभिन्न बिन्दुओं के बीच की क्षेतिज दूरियां तो मापी जाती है, किन्तु रेखाओं के बीच मध्य बनने वाले कोण का अंशों मे मान ज्ञात करने की आवश्यकता नही होती।

जब किसी लंबी दूरी को मापने के लिए एक से अधिक बार जरीब या फीते को फैलाना आवश्यक होता है तो प्रत्येक एक जरीब दूरी के पश्चात जरीब के अगले सिरे पर धरातल में एक तीर या कीलें गाड़ देते हैं । इसके दो लाभ होते हैं -प्रथम, अगली दूरी को मापने के लिए जरीब के पिछले सिरे को तीर द्वारा इंगित धरातल के सही बिंदु पर पकड़ने में मदद मिलती है । तथा द्वितीय, सर्वेक्षण के उपरांत धरातल में गाड़े गए तीरो की कुल संख्या से यह ज्ञात हो जाता है कि जरीब व फीता को धरातल पर कितनी बार फैलाया गया है । सामान्य आकार वाले क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए प्रायः 10 या 12 तीर पर्याप्त होते हैं । यह तीर लोहे या इस्पात की पीतल पतली छड़ के बने होते हैं तथा प्रत्येक तीर की लंबाई 25 से 30 सेंटीमीटर के मध्य होती है । तीर का ऊपरी सिरा घुण्डी की आकृति में मुड़ा होता है । तथा निचला सिरा नोंकदार होता है जिससे इसे सफलतापूर्वक जमीन में गाड़ा जा सके ।

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