Hindi, asked by ektalanjewar, 3 months ago

जसोदा बार-बार यौं भाषै।
हे कोऊ ब्रज हितू हमारौ चलत गुपालहिं राखै ।।
कहा काज मेरे छगन-मगन कौं, नृप मधुपुरी बुलायौ ।
सुफलक सुत मेरे प्रान हरन कौं काल रूप है आयौ ।
बरु यह गोधन हरौ कंस सब मोहिं बंदि लै मेलौ।
इतनोई सुख कमल-नयन मेरी अँखियान आगे खेलौ ।
बासर बदन बिलोकत जीवों, निसि निज अंकम लाऊँ।
तिहिं बिछुरत जो जियौं कर्मबस तौ हँसि काहि बुलाऊँ ।।
कमलनयन गुन टेरत टेरत, दुखित नंद जु की रानी ।।
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Answered by sahananarsingoju
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sorry I not understood the question

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