Art, asked by sk9968797, 7 months ago

जतिलम् चर्वसनम् प्रनजील पतिराम भुवी ​

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Answered by subbuorg
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Answer:

वैसे तो हनुमानजी के बहुत सारे मंत्र हैं, जैसे 'ॐ हनुमंते नम:' या 'ॐ हं हनुमते नम:' मंत्र को सभी लोग जपते हैं। उक्त मंत्र जप के लिए हैं। लेकिन हम यहां बता रहे हैं आपको ऐसा मंत्र जिसे 'ध्यान मंत्र' कहते हैं।  

 

हनुमान स्तोत्र, हनुमान अष्टक, हनुमान बाहुक, बजरंग बाण, हनुमान कवच, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, वडनाल स्तोत्र आदि को पढ़ने से पूर्व कुछ लोग इस हनुमान ध्यान मंत्र का उच्चारण करते हैं।

ध्यान:-

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये।।- रामरक्षास्तोत्रम् 23

 

अर्थात : जिनकी मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्दिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति से बढ़कर किसी अन्य की भक्ति में शक्ति नहीं है। रामरक्षा स्तोत्र से लिए गए हनुमानजी के प्रति शरणागत होने के लिए इस श्लोक या मंत्र का जप करने से हनुमानजी तुरंत ही साधक की याचना सुन लेते हैं और वे उनको अपनी शरण में ले लेते हैं। >  

जो व्यक्ति हनुमानजी का प्रतिदिन ध्यान करते रहते हैं, हनुमानजी उनकी बुद्धि से क्रोध को हटाकर बल का संचार कर देते हैं। हनुमान भक्त शांत चित्त, निर्भीक और समझदार बन जाता है।>

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Answered by preeti44741
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