जड़ के शीर्षस्थ विभज्योतक के संगठन के सिद्धांतों का वर्णन कीजिए
Answers
Explanation:
मूल शीर्ष विभज्योतक (Root Apical Meristem) : मूल शीर्ष भाग में स्थित विभज्योतकी कोशिकाएं मूल शीर्ष विभज्योतक बनाती हैं। यह क्षेत्र भ्रूणीय मूलांकुर में विभेदित होता है। इस क्षेत्र की कोशिकाएं बड़े केन्द्रक और सघन कोशिकाद्रव्य वाली होती हैं। ... संवहन कैम्बियम की कोशिकाएं विभाजन के बाद द्वितीयक ऊतक बनाती हैं।
जड़ के शीर्षस्थ विभज्योतक के संगठन के सिद्धांतों का वर्णन
Explanation:
मूल या जड़ उच्च कोटि पादपों (फर्न तथा बीजवाले पौधे) का भूमिगत भाग है, जिसमें न तो पत्तियाँ रहती हैं और न जनन अंग, किंतु इसमें एक शीर्ष वर्धमान (apical growing) सिरा रहता है। यह अवशोषण अंग, वाताप (aerating) अंग, खाद्य भंडार और सहारे का कार्य करता है। अधिकांश पौधों में जड़ बीजपत्राधर (hypocoty) के निम्न छोर के रूप में उत्पन्न होती है। बहुवर्षी (perennial) श्जड़े तने के सदृश ऊतकतंत्र प्रदर्शित करती है तथा इनका रँभ (stele) अविच्छिन्न रहता है। बहुवर्षी जड़ो के प्रकेधा (procambium) वलयक (strand) के विकास, अंतश्चर्म (endodermis) की सुव्यक्त मोटाई और वर्धन सिरे के विभज्योतक (meristem) के सुरक्षात्मक आवरण के रूप में अंतर होता है। अधिपादप (epiphytes) की जड़े पूर्णत: अग्राभिसारी (aerisl) होती है, किंतु अपस्थानिक (adventitious) जड़े पौधों के अन्य भागों पर उत्पन्न होती है। निम्न कोटि पादपों में जड़ों का अधिकांश कार्य प्रकंद करते है।