India Languages, asked by vanshkumar7113, 7 months ago

जवहि नाम हिरदय धर्यो, भयो पाप को नास।
जैसे चिनगी आग की, पड़ी पुराने घास।


भाव spasht kijiye ​

Answers

Answered by lakshmi7272
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कबीर जी बड़े ही सुन्दर ढंग से समझाते है कि –

जिस समय हमारे दिल(heart) में नाम या वर्ड या शब्द प्रकट हो जाता है ,हमारे सभी कर्मो का सिलसिला खत्म हो जाता है।

जिनकी वजह से हम इस संसार में फसे पड़े है। जिस तरह एक सूखे  घास का ढेर  ही बड़ा क्यों न हो आग की एक छोटी सी

चिंगारी उस पुरे ढेर को जल के राख कर देती है। इसी तरह हम इंसानो के कितने ही बुरे व ख़राब कर्म क्यों न हो यह नाम या

शब्द हमारे सभी कर्मो का हिसाब खत्म कर देती है।

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