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जय, जय, जय हे अमर तिरंगे! जय हे राष्ट्र-निशान
'सन् सत्तावन' की अंगड़ाई,
'नौ अगस्त' की तू तरुणाई,
तुझमें कोटि-कोटि वीरों का प्रतिबिंबित बलिदान।
मूर्त शक्ति तू, मूर्त त्याग तू,
विश्व शांति का अमर राग
please write her bhavarth
who will write first I make her brainlist icon
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iकविता कोश
कविता कोश भारतीय काव्य को एक जगह संकलित करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई एक अव्यावसायिक, सामाजिक व स्वयंसेवी परियोजना है।
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यह कविता गद्यांश या पद्यांश
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